डबल इंजन सरकार की पहल ग्राम चौपाल के जरिए गांव-गांव पहुंच रहा समाधान, लाखों समस्याओं का हुआ निस्तारण

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : प्रदेश की ग्रामीण जनता तक सरकार को सीधे जोड़ने और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ग्राम चौपाल कार्यक्रम लगातार प्रभावी साबित हो रहा है। डबल इंजन सरकार (Double Engine Government) की इस अहम पहल के तहत “गांव की समस्या – गांव में समाधान” के सिद्धांत पर काम करते हुए प्रशासन खुद ग्रामीणों के द्वार तक पहुंच रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग उत्तर प्रदेश (Information & Public Relations Department Uttar Pradesh) के माध्यम से जारी जानकारी के अनुसार, अब तक प्रदेश भर में 01 लाख 74 हजार से अधिक ग्राम चौपालों (Village Chaupal) का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें 05 लाख 87 हजार से अधिक समस्याओं व प्रकरणों का मौके पर ही निस्तारण किया गया है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के नेतृत्व और निर्देशन में संचालित यह कार्यक्रम ग्रामीण विकास (Rural Development) को नई गति दे रहा है। शासन के निर्देशानुसार प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड (Development Block) की कम से कम दो ग्राम पंचायतों में हर शुक्रवार को ग्राम चौपाल का आयोजन अनिवार्य रूप से किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ यह हो रहा है कि ग्रामीणों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए तहसील या जिला मुख्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे, बल्कि उनकी शिकायतों का निस्तारण उनके गांव में ही, उनके सामने किया जा रहा है।
ग्राम चौपालों के माध्यम से जहां एक ओर व्यक्तिगत समस्याओं जैसे पेंशन, आवास, राशन कार्ड, मनरेगा (MGNREGA), स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी शिकायतों का समाधान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर सार्वजनिक समस्याओं जैसे सड़क, नाली, पेयजल, साफ-सफाई और बिजली से जुड़े मुद्दों पर भी त्वरित कार्रवाई की जा रही है। इससे शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन (Implementation) की जमीनी हकीकत सामने आ रही है और अधिकारियों की जवाबदेही भी तय हो रही है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने संबंधित विभागों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि ग्राम चौपालों का आयोजन पूरी विधिवत प्रक्रिया के साथ किया जाए और इसमें किसी प्रकार की औपचारिकता न बरती जाए। उन्होंने यह भी कहा है कि चौपालों से पूर्व गांवों में विशेष साफ-सफाई अभियान (Cleanliness Drive) चलाया जाए, जिससे ग्रामीणों को स्वच्छ और व्यवस्थित वातावरण मिले। इसके साथ ही चौपालों की जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार (Publicity & Outreach) किया जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीण अपनी समस्याओं के साथ इसमें सहभागिता कर सकें।
ग्राम्य विकास विभाग (Rural Development Department) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश की कुल 1291 ग्राम पंचायतों में ग्राम चौपालों का आयोजन किया गया। इन चौपालों में 2818 प्रकरणों का निस्तारण पंचायत स्तर पर ही कर दिया गया, जिससे ग्रामीणों में शासन के प्रति विश्वास और संतोष का भाव देखने को मिला। इन आयोजनों में 2989 ब्लॉक स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी तथा 5336 ग्राम स्तरीय कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने समन्वय के साथ समस्याओं के समाधान में अहम भूमिका निभाई। विशेष बात यह रही कि इन ग्राम चौपालों में 59 हजार से अधिक ग्रामीणों ने प्रत्यक्ष रूप से सहभागिता की।
शासन के स्तर पर यह माना जा रहा है कि ग्राम चौपाल केवल शिकायत निवारण का मंच नहीं, बल्कि यह ग्रामीण प्रशासन (Grassroot Governance) को सशक्त बनाने का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है। इससे नीतियों और योजनाओं का फीडबैक (Feedback) सीधे ग्रामीणों से प्राप्त हो रहा है और उसी आधार पर भविष्य की रणनीति तैयार की जा रही है। ग्राम चौपालों के जरिए सरकारी मशीनरी गांवों तक पहुंच कर यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे।
अब तक आयोजित 01 लाख 74 हजार से अधिक ग्राम चौपालों और 05 लाख 87 हजार से अधिक समस्याओं के निस्तारण के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि यह पहल केवल कागजी नहीं, बल्कि व्यावहारिक स्तर पर भी सफल है। इससे न केवल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान हुआ है, बल्कि सरकार और जनता के बीच संवाद (Government-Public Interface) और विश्वास भी मजबूत हुआ है। आगे भी प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि ग्राम चौपालों को और अधिक प्रभावी बनाया जाए, ताकि उत्तर प्रदेश के हर गांव तक विकास (Development) और सुशासन (Good Governance) की पहुंच सुनिश्चित हो सके।





