काशी तमिल संगमम 4.0 के तहत वाराणसी में मीडिया कार्यशाला का आयोजन, उत्तर–दक्षिण सांस्कृतिक एकता पर दिया गया जोर

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
पत्र सूचना कार्यालय (Press Information Bureau – PIB) द्वारा ‘काशी तमिल संगमम 4.0’ (Kashi Tamil Sangamam 4.0) के आयोजन की श्रृंखला में रविवार को वाराणसी (Varanasi) में ‘वार्तालाप कार्यक्रम’ (Media Workshop) का भव्य आयोजन किया गया। इस मीडिया कार्यशाला का उद्देश्य पत्रकारों को ‘काशी तमिल संगमम’ की पृष्ठभूमि, इसके सांस्कृतिक महत्व तथा केंद्र सरकार (Central Government) की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं (Welfare Schemes) के प्रति जागरूक करना रहा। कार्यक्रम में काशी क्षेत्र के लगभग 100 से अधिक पत्रकारों (Journalists) ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे यह आयोजन संवाद और विचार-विमर्श का एक सशक्त मंच बनकर उभरा।
कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (Minister of State – Independent Charge, AYUSH, Food Safety and Drug Administration) दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने संबोधित किया। वहीं, विशिष्ट अतिथि के रूप में वाराणसी के मंडलायुक्त (Divisional Commissioner) एस. राजलिंगम मौजूद रहे। दोनों वक्ताओं ने ‘काशी तमिल संगमम’ को उत्तर एवं दक्षिण भारत (North India – South India) के बीच सांस्कृतिक सेतु के रूप में रेखांकित किया।
अपने संबोधन में मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम’ की परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर एवं दक्षिण भारत की सदियों पुरानी सांस्कृतिक आदान-प्रदान (Cultural Exchange) की परंपरा को पुनर्जीवित करने का यह एक सार्थक प्रयास है। मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बीते चार वर्षों में काशी (Kashi) में लगभग 26 करोड़ श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों (Pilgrims and Tourists) का आगमन हुआ है, जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में काशी के सुनियोजित विकास (Development) और वैश्विक पहचान को दर्शाता है।

विशिष्ट अतिथि मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम’ उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों (Cultures) को एक मंच पर लाने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक संवाद को मजबूती देता है, बल्कि राष्ट्र की एकता और अखंडता (National Unity and Integrity) को भी सुदृढ़ करता है। मंडलायुक्त ने काशी और रामेश्वरम (Rameswaram) के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि सदियों से दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक आवागमन रहा है, जो आज ‘काशी तमिल संगमम’ के माध्यम से एक नए और आधुनिक स्वरूप में सामने आ रहा है।
कार्यशाला में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University – BHU) के प्रोफेसर प्रभाकर सिंह ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम’ जैसे आयोजनों से देश के विभिन्न हिस्सों के लोग एक-दूसरे की महान विभूतियों (Great Personalities) और उनके राष्ट्र निर्माण (Nation Building) में दिए गए योगदान के बारे में जानने का अवसर प्राप्त करते हैं। यह पहल भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत (Shared Cultural Heritage) को सशक्त बनाती है।
काशी पत्रकार संघ (Kashi Patrakar Sangh) के अध्यक्ष अरुण मिश्र ने मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ (Fourth Pillar of Democracy) है और इसकी जिम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष पत्रकारिता (Free and Fair Journalism) ही सरकार और जनता (Government and Public) के बीच सेतु का कार्य कर सकती है। जनसमस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाना और सरकार की योजनाओं को आम जनता तक सही रूप में पहुंचाना ही पत्रकारिता का मूल उद्देश्य है।
मीडिया कार्यशाला में बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के उप महाप्रबंधक मनोज कुमार बख्शी ने केंद्र सरकार और वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा बैंकों में मौजूद ‘अनक्लेम्ड एसेट्स’ (Unclaimed Assets) के निस्तारण हेतु चलाए जा रहे अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार आम नागरिक अपने अथवा अपने परिजनों के अनक्लेम्ड बैंक खातों, जमा राशियों और अन्य वित्तीय संपत्तियों का दावा कर सकते हैं। इसके साथ ही ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ (Child Marriage Free India Campaign) जैसी सामाजिक पहलों की जानकारी भी पत्रकारों के साथ साझा की गई।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक दिलीप कुमार शुक्ल ने सभी अतिथियों, वक्ताओं और पत्रकार साथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। वहीं केंद्रीय संचार ब्यूरो (Central Communication Bureau) के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जय सिंह ने कार्यक्रम की सफलता में सहयोग देने वाले सभी मीडिया प्रतिनिधियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संपूर्ण आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि ‘काशी तमिल संगमम’ केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक संवाद और जागरूक पत्रकारिता को सशक्त करने की एक महत्वपूर्ण पहल है।





