फिंगरप्रिंट स्कैन कर ठगी करने वाले जीजा–साला गिरोह का पर्दाफाश

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

भोजपुर जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे अंतरजिला साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अनाधिकृत सीएसपी केंद्रों और प्रतिबंधित बायोमीट्रिक उपकरणों की मदद से लोगों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों से लाखों रुपये उड़ा रहा था। पुलिस ने गिरोह के सक्रिय सदस्य देवानंद कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके जीजा समेत कई साथी फरार बताए जा रहे हैं। गिरफ्तार आरोपी के खाते में मिले लगभग ढाई लाख रुपये को पुलिस ने फ्रीज़ कर दिया है।

साइबर डीएसपी स्नेह सेतु ने सोमवार शाम प्रेस वार्ता में बताया कि यह गिरोह विशेष रूप से महिलाओं और जीविका दीदियों को अपना आसान निशाना बनाता था। महिलाएं कम तकनीकी जानकारी वाली होती हैं, जिसका फायदा उठाकर गिरोह उनके फिंगरप्रिंट स्कैन कर लेता था और आधार-सक्षम बैंकिंग के माध्यम से खातों से अवैध निकासी कर लेता था।

गिरोह प्रतिबंधित बायोमैट्रिक डिवाइस और अनाधिकृत सीएसपी सेवा केंद्रों की मदद से पैसा निकालता था, जिससे पीड़िता को कई दिनों तक पता भी नहीं चलता था कि उनका खाता खाली हो चुका है।टवर्क बिहार के अलावा मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और झारखंड तक फैला हुआ है। गिरफ्तार देवानंद कुमार पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र स्थित लखनारे गांव का रहने वाला है।
उसके जीजा समेत गिरोह के अन्य प्रमुख सदस्य फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।

कैसे करते थे ठगी? पुलिस ने बताया पूरा मॉडस ऑपरेंडी

आरोपी किसी सीएसपी केंद्र, पंचायत भवन या सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं को आसान सुविधा का झांसा देते थे।

आधार कार्ड अपडेट, बैंक बैलेंस चेक या सरकारी लाभ दिलाने के नाम पर उनका अंगूठा बायोमीट्रिक स्कैनर पर लगवाया जाता था।

उनके बैंक खाते से जुड़े आधार–आधारित भुगतान सिस्टम (AePS) का दुरुपयोग कर तुरंत पैसे निकाले जाते थे।

कई बार पीड़िता को बताया जाता था कि तकनीकी त्रुटि के कारण लेनदेन पूरा नहीं हुआ, जबकि पैसे निकाल लिए जाते थे।


ढाई लाख रुपये फ्रीज़, आगे और खुलासे की आशंका

पुलिस ने आरोपी के खाते से बरामद लगभग 2.5 लाख रुपये को फ्रीज़ कर दिया है। अधिकारियों का मानना है कि यह राशि केवल शुरुआती अनुमान है। बैंक खातों की विस्तृत जांच के बाद ठगी की असली रकम और भी अधिक हो सकती है।

साइबर डीएसपी स्नेह सेतु ने बताया कि गिरोह के कई सदस्य अब भी सक्रिय हैं और उनकी गिरफ्तारी के बाद और बड़े खुलासे होने की संभावना है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि गिरोह को बायोमीट्रिक उपकरण और सॉफ्टवेयर किस चैनल से उपलब्ध कराया जाता था।

पुलिस ने दी सावधानी बरतने की अपील

पुलिस प्रशासन ने ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं से विशेष रूप से अपील की है—

किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना फिंगरप्रिंट स्कैन न दें।

अनधिकृत सीएसपी या संदिग्ध मोबाइल डिवाइस पर बायोमीट्रिक लगाने से बचें।

बैंक खाता लेनदेन के मैसेज नियमित रूप से जांचते रहें।

किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।


भोजपुर साइबर थाना की इस कार्रवाई से ऐसे संगठित ठगी गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। पुलिस अब पूरे नेटवर्क को पकड़ने और आम लोगों के खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दे रही है।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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