ATS Center In Bihar: सीमांचल में सुरक्षा मजबूत करने की बड़ी तैयारी

Report By: कर्मक्षेत्र टीवी, बिहार डेस्क
बिहार के सीमांचल क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत और सक्षम बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। नेपाल, बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल की अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय खुली सीमाओं से सटे होने के कारण हमेशा से संवेदनशील माने जाने वाले इस क्षेत्र में पूर्णिया में आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) का विशेष सेंटर खोले जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य पुलिस मुख्यालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, और लक्ष्य रखा गया है कि 2026 के शुरुआती तीन महीनों में यह सेंटर हर हाल में शुरू कर दिया जाए।
सीमांचल की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम
पूर्णिया और इसके आसपास के इलाकों में गतिविधियों की बढ़ती संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, एटीएस सेंटर की मांग लंबे समय से उठती रही है। हाल के वर्षों में यहां एयरपोर्ट का निर्माण और गैस रिफिलिंग प्लांट की स्थापना होने से भी सुरक्षा का दायरा बढ़ गया है। ऐसे में एक समर्पित एटीएस इकाई का होना अत्यंत आवश्यक माना गया, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध या आतंकी गतिविधि पर तुरंत और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
यह नया सेंटर राष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों जैसे रॉ (RAW) और आईबी (IB) के साथ समन्वय कर काम करेगा, जिससे इंटेलीजेंस साझा करने और सुरक्षा ऑपरेशनों को अंजाम देने में तेजी आएगी।
पूर्णिया के डीआईजी का बयान
पूर्णिया के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति इसे अत्यधिक संवेदनशील बनाती है। उन्होंने बताया कि अब तक किसी बड़ी घटना या ऑपरेशन के दौरान एटीएस की टीम को पटना से पूर्णिया पहुंचने में 7 से 8 घंटे का समय लग जाता था। लेकिन नया एटीएस सेंटर खुलने के बाद महज एक घंटे के भीतर टीम घटनास्थल पर पहुंचकर ऑपरेशन शुरू कर सकेगी। इससे न सिर्फ सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी, बल्कि तत्काल और निर्णायक कार्रवाई भी संभव हो सकेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सेंटर न केवल सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि सीमांचल क्षेत्र के लोगों को अतिरिक्त सुरक्षा और विश्वास भी प्रदान करेगा।
क्या होता है आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS)
आतंकवाद निरोधी दस्ता एक स्पेशल पुलिस यूनिट होती है, जिसका गठन आतंकवाद, उग्रवाद और इससे जुड़ी गतिविधियों से निपटने के लिए किया जाता है।
एटीएस के प्रमुख कार्य
खुफिया जानकारी जुटाना: आतंकी संगठनों या संदिग्ध गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखना।
संदिग्धों को दबोचना: ऑपरेशन चलाकर आतंकवादी तत्वों को पकड़ना या निष्प्रभावी करना।
हमलों को रोकना: किसी भी संभावित आतंकवादी हमले को विफल करना।
जांच: बड़े आतंकी मामलों की जांच कर उन्हें तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाना।
जनता की सुरक्षा: आम नागरिकों को सुरक्षित रखने के लिए लगातार ग्राउंड इंटेलीजेंस और ऑपरेशन्स।
एटीएस को विशेष ट्रेनिंग, आधुनिक हथियार और उन्नत तकनीकी उपकरण प्रदान किए जाते हैं ताकि वे किसी भी जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें। यह यूनिट राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और अन्य खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम करती है।
इसके अलावा, एटीएस में फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी शामिल होती है, जो सबूत जुटाने और तकनीकी विश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।





