ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सेना और वायुसेना की जांबाज महिला अफसरों ने किया बड़ा खुलासा



नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच भारतीय सेना और वायुसेना की दो महिला अधिकारियों ने एक ऐतिहासिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी अहम जानकारियां साझा कीं। इस प्रेस ब्रीफिंग में आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पहली बार इस टॉप-सीक्रेट ऑपरेशन की पूरी कहानी देश के सामने रखी।

भारतीय सेना की कम्युनिकेशन एक्सपर्ट कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर की योजना कई महीनों से तैयार की जा रही थी। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति और खुफिया क्षमताओं का प्रदर्शन था। हमने दुश्मन की गतिविधियों को महीनों तक ट्रैक किया और फिर एक सटीक योजना के तहत ऑपरेशन को अंजाम दिया।”

कर्नल सोफिया ने बताया कि इस ऑपरेशन में विशेष बलों (Special Forces), ड्रोन निगरानी, और साइबर इंटेलिजेंस का गहन उपयोग किया गया। ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ इसलिए रखा गया क्योंकि यह भारत की सीमाओं की रक्षा में “शौर्य और सम्मान” का प्रतीक बना।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह: आसमान से मिली निर्णायक बढ़त

वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह, जो इस ऑपरेशन में लड़ाकू विमान दस्ते की कमान संभाल रही थीं, ने बताया कि वायुसेना की भूमिका निर्णायक थी। उन्होंने कहा, “हमारे मिराज 2000 और सुखोई विमानों ने रात के अंधेरे में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों पर सटीक निशाना साधा। सभी मिशन को बिना किसी नुक़सान के पूरा किया गया।”

व्योमिका सिंह ने बताया कि महिलाओं की भागीदारी अब सिर्फ प्रशासन तक सीमित नहीं रही, बल्कि वे ऑपरेशनल कमांड में भी आगे बढ़ रही हैं। उनके अनुसार, “यह मिशन महिला अधिकारियों के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।”

ऑपरेशन सिंदूर की मुख्य उपलब्धियां:

15 से अधिक आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया।

कोई भारतीय जवान हताहत नहीं हुआ।

रात के समय गुप्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

सटीक खुफिया जानकारी और तकनीकी मदद से मिशन में सफलता मिली।


देश भर में गर्व की लहर

जैसे ही इस ऑपरेशन की जानकारी सामने आई, सोशल मीडिया पर इन दोनों महिला अधिकारियों की बहादुरी के चर्चे छा गए। देशभर से लोग इनकी सराहना कर रहे हैं और इन्हें ‘नए भारत की शेरनियां’ कह रहे हैं।



‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि भारत में महिलाओं की बढ़ती सैन्य भागीदारी का भी प्रतीक बन गया है। कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की इस ऐतिहासिक भूमिका ने साबित कर दिया है कि देश की रक्षा की जिम्मेदारी अब पूरी तरह समावेशी हो चुकी है – जहां जज्बा, रणनीति और साहस की कोई सीमा नहीं है।

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