गूगल I/O इवेंट में क्रांतिकारी तकनीकी घोषणाएं: 3-डी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और AI-पावर्ड सर्च रिजल्ट्स का आगाज

Report By: टेक डेस्क

नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय उस वक्त जुड़ गया जब गूगल ने अपने वार्षिक डेवलपर इवेंट Google I/O 2025 के दौरान कुछ बेहद क्रांतिकारी तकनीकों की घोषणा की। इस साल का इवेंट पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इमर्सिव टेक्नोलॉजी पर केंद्रित रहा, जहां गूगल ने दो प्रमुख तकनीकी नवाचारों का प्रदर्शन किया: 3-डी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और AI-पावर्ड सर्च रिजल्ट्स।

3-डी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग: भविष्य की बातचीत आज
गूगल ने एक नई तकनीक का प्रदर्शन किया जो पारंपरिक 2-डी वीडियो कॉलिंग को बदलकर 3-डी वीडियो एक्सपीरियंस में बदल देगी। इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से यूजर अब वर्चुअल बातचीत में सामने वाले व्यक्ति को केवल स्क्रीन पर देखने के बजाय उसे तीन-आयामी (3D) रूप में देख सकेंगे, मानो वह व्यक्ति उनके सामने ही हो।
इस तकनीक के पीछे गूगल का Project Starline है, जिसे पहले भी कुछ वर्षों में देखा गया था, लेकिन अब यह और अधिक परिष्कृत होकर सामने आया है। नए अपडेट के तहत अब किसी भी सामान्य कैमरे से ली गई 2-डी वीडियो को रियल-टाइम में 3-डी में कन्वर्ट किया जा सकता है, जिससे कॉन्फ्रेंसिंग का अनुभव और अधिक नेचुरल, इंटरेक्टिव और जीवंत हो जाता है।
गूगल का कहना है कि यह तकनीक शिक्षा, हेल्थकेयर, बिजनेस मीटिंग्स और इंटरनेशनल कम्युनिकेशन को पूरी तरह से बदल सकती है।

गूगल सर्च में AI का बोलबाला
इवेंट में दूसरी बड़ी घोषणा रही गूगल सर्च का नया रूप, जिसमें अब AI-पावर्ड रिजल्ट्स देखने को मिलेंगे। इसका मतलब यह है कि गूगल पर कुछ भी सर्च करने पर अब यूजर को केवल लिंक या वेबसाइट ही नहीं, बल्कि सीधे AI द्वारा जनरेटेड समरी, सुझाव, और विजुअल उत्तर भी मिलेंगे।

उदाहरण के तौर पर, अगर कोई यूजर पूछता है, “बच्चों के लिए सबसे अच्छी गर्मी की छुट्टियों वाली एक्टिविटी क्या है?” तो गूगल अब सिर्फ लेखों की लिस्ट नहीं देगा, बल्कि एक AI द्वारा तैयार किया गया जवाब, ग्राफिक्स और लिंक के साथ एक कंप्रिहेंसिव गाइड प्रस्तुत करेगा। इस सुविधा को “AI Overviews” नाम दिया गया है, जो पहले केवल अमेरिका में सीमित तौर पर उपलब्ध थी, लेकिन अब इसे कई देशों में रोलआउट किया जा रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है।

डेवलपर्स के लिए नई संभावनाएं
गूगल ने अपने AI मॉडल्स, जैसे Gemini और अन्य टूल्स को डेवलपर्स के लिए और अधिक ओपन और कस्टमाइज़ेबल बना दिया है। इससे आने वाले समय में छोटे-बड़े व्यवसाय और इनोवेटिव स्टार्टअप्स भी अपने प्रोडक्ट्स में AI को एकीकृत कर सकेंगे।

 

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