चंपावत में स्कूलों की खेल सुविधाओं का आकलन: छात्रों से संवाद में उभरी ज़रूरतें और उम्मीदें

चंपावत: प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के साथ-साथ खेलों को भी समान प्राथमिकता दिए जाने के दृष्टिगत जनपद चंपावत में विभिन्न स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों से संवाद स्थापित कर वहां उपलब्ध खेल सुविधाओं की जानकारी एकत्र की गई। इस संवाद का उद्देश्य न केवल छात्रों की ज़मीनी आवश्यकताओं को समझना था, बल्कि यह भी जानना था कि वर्तमान में उपलब्ध खेल संसाधन उनकी रुचि और प्रशिक्षण आवश्यकताओं को कितनी हद तक पूरा कर पा रहे हैं।
इस अवसर पर अधिकारियों और संबंधित विभागीय प्रतिनिधियों ने स्कूलों का भ्रमण किया और छात्रों से आमने-सामने बातचीत कर उनकी समस्याओं, सुझावों और आकांक्षाओं को सुना। संवाद के दौरान कई छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि उन्हें किन खेलों में रुचि है तथा स्कूल स्तर पर क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं।
छात्रों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में खेल मैदानों का उन्नयन, बास्केटबॉल कोर्ट, वॉलीबॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट जैसी बुनियादी सुविधाएं कई स्कूलों में विकसित की गई हैं। कुछ विद्यालयों में फुटबॉल और एथलेटिक्स की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। हालांकि कई छात्रों ने यह भी बताया कि उन्हें प्रशिक्षण देने के लिए योग्य प्रशिक्षकों की आवश्यकता है और खेल उपकरणों की उपलब्धता अब भी एक बड़ी चुनौती है।
राज्य सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रदेश में खेल और खेल अवस्थापना सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। सरकार का यह मानना है कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि छात्रों को मानसिक, शारीरिक और नैतिक रूप से भी सशक्त बनाया जाना चाहिए। यही कारण है कि राज्य सरकार प्रत्येक जनपद में चरणबद्ध तरीके से आधुनिक खेल सुविधाएं विकसित कर रही है।
बातचीत में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के छात्र भी अब खेलों को करियर के रूप में देखने लगे हैं। छात्रों का उत्साह यह दिखाता है कि यदि उन्हें सही मंच, मार्गदर्शन और संसाधन मिलें, तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश का नाम रोशन कर सकते हैं।
राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत आने वाले वर्षों में प्रत्येक विकासखंड स्तर पर मिनी स्टेडियम, खेल प्रशिक्षण केंद्र, और आधुनिक खेल उपकरणों से युक्त सुविधाएं तैयार की जाएंगी। इसके अतिरिक्त, योग्य कोचों की नियुक्ति कर बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
जनपद चंपावत के स्थानीय प्रशासन ने इस पहल को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। जिलाधिकारी और मुख्य शिक्षा अधिकारी ने स्वयं विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि छात्रों की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें बेहतर अवसर देना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है।