मोहर्रम जुलूस चमनशाह किठूरी में सौहार्द व शांति के साथ सम्पन्न, प्रशासन रहा मुस्तैद

संवाददाता: श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी।

बाराबंकी: जिले के थाना सफदरगंज क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत चमनशाह किठूरी में इस वर्ष मोहर्रम का जुलूस पूर्णतः शांति, अनुशासन और सांप्रदायिक सौहार्द के वातावरण में सम्पन्न हुआ। 9वीं और 10वीं मोहर्रम के मौके पर अलग-अलग अंजुमनों द्वारा पारंपरिक ढंग से अज़ादारी करते हुए जुलूस निकाले गए, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने हिस्सा लिया और भाईचारे की एक अद्वितीय मिसाल पेश की।

मोहर्रम के अवसर पर शोक जताने और कर्बला के शहीदों को याद करने के लिए अंजुमनों की टीमों ने डोल, मातम और सीना ज़नी के साथ पारंपरिक गश्त उठाई। चारों ओर “या हुसैन, या हुसैन” की सदाएं गूंजती रहीं। युवाओं और बुजुर्गों के जोश व आस्था ने माहौल को पूरी तरह श्रद्धा से भर दिया। अज़ादारी के इस जुलूस में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी रही।

जुलूस में देखने को मिला कि किस तरह चमनशाह किठूरी गांव की हिंदू-मुस्लिम एकता और आपसी सहयोग इस आयोजन को खास बनाते हैं। स्थानीय नागरिकों ने एक-दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर न सिर्फ जुलूस में भाग लिया बल्कि व्यवस्था को भी सुचारु बनाए रखा। मोहल्ले के हिंदू भाइयों ने जलपान और छांव की व्यवस्था कर भाईचारे का संदेश दिया।

जुलूस को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक-चौबंद रही। थाना सफदरगंज पुलिस बल, भारी संख्या में मौके पर तैनात रहा। पुलिस अधिकारियों ने लगातार निगरानी बनाए रखी और जुलूस के हर पड़ाव पर सुरक्षा सुनिश्चित की। साथ ही स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय उपस्थिति ने लोगों में विश्वास बनाए रखा और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका को दूर किया।

इस अवसर पर ग्राम प्रधान गयासुद्दीन अहमद नीलू वर्मा, बीडीसी सदस्य जीशान मियां, मक़बूल ख़ान, सिराजुद्दीन, नासिर खान, राजे खान, अब्दुल रऊफ, मो. फ़हीम, मो. अय्यूब, मो. नसीम, जुनैद शाह, कय्यूम शाह और फरीद समेत अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। उन्होंने न केवल व्यवस्थाओं में योगदान दिया बल्कि लोगों को शांति और अनुशासन बनाए रखने का संदेश भी दिया।

गांव के युवाओं, बुजुर्गों और समाजसेवियों ने मिलकर न सिर्फ जुलूस की व्यवस्था संभाली, बल्कि आपसी सहयोग से यह सुनिश्चित किया कि आयोजन में किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। लोगों ने साफ-सफाई, पेयजल, छायादार टेंट और प्राथमिक चिकित्सा की भी व्यवस्था की, जिससे श्रद्धालुओं को कोई कठिनाई न हो।

प्रशासनिक सहयोग और ग्रामवासियों की प्रतिबद्धता के चलते चमनशाह किठूरी का मोहर्रम जुलूस शांति, अनुशासन और सांप्रदायिक सौहार्द के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन क्षेत्र में सामूहिक सहयोग और धार्मिक सहिष्णुता का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरा।

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