विशेष संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान की समीक्षा बैठक, डीएम ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

रिपोर्ट: श्रवण कुमार यादव, बाराबंकी

बाराबंकी: जनपद में संचालित विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान व दस्तक अभियान की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। इस महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य, नगर विकास, पंचायती राज, शिक्षा, पशुपालन सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य इन अभियानों की प्रगति की समीक्षा करना तथा आने वाले समय में उनकी प्रभावशीलता को और बेहतर बनाना था।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और पाथ द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्टों में दर्शाई गई कमियों पर गहरी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाहियां जनहित के कार्यों में बाधा उत्पन्न करती हैं और इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने अनुपस्थित अधिकारियों पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए और कहा कि जिम्मेदारी से भागने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाए जाएंगे।

डीएम शशांक त्रिपाठी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अभियान की सफलता जनजागरूकता और फील्ड वर्क पर निर्भर करती है। उन्होंने निर्देशित किया कि आशा कार्यकत्रियों को घर-घर जाकर बुखार, टीबी, फाइलेरिया और कुपोषण से पीड़ित व्यक्तियों की सूची बनानी होगी, ताकि समय रहते इनका उपचार और नियंत्रण किया जा सके।

जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि गांवों और शहरी क्षेत्रों में जलजमाव की रोकथाम, नालियों की सफाई, लार्वा साइड का छिड़काव और ठोस कूड़ा निस्तारण जैसे कार्यों को प्राथमिकता से किया जाए। स्वच्छ पेयजल की समुचित व्यवस्था और जल स्रोतों की नियमित सफाई पर विशेष बल दिया गया।

बैठक में यह भी तय किया गया कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में विद्यार्थियों के माध्यम से जनजागरूकता का व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत विद्यालयों में प्रार्थना सभा के दौरान संचारी रोगों की जानकारी दी जाएगी, साथ ही रैलियों, पोस्टर प्रतियोगिताओं और निबंध लेखन के जरिए विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा।

इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अवधेश कुमार यादव, नगर पालिका और पंचायती राज विभाग के अधिकारी, शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि, पशुपालन विभाग के अधिकारी एवं यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ और पाथ जैसी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने अपने-अपने विभाग की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की।

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