हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानियों से प्रेरणा लेने की जरूरत है : रघुपति यादव

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)

आरा: बिहार के भोजपुर जिले अंतर्गत बड़हरा विधानसभा क्षेत्र में मुहर्रम के अवसर पर गंगा-जमनी तहज़ीब की मिसाल पेश करते हुए मुस्लिम समुदाय द्वारा राजद नेता व बड़हरा से भावी विधायक प्रत्याशी रघुपति यादव का भव्य स्वागत किया गया। रामसागर, कायमनगर, सरैया और मोबारकपुर सहित कई गांवों में आयोजित मुहर्रम के कार्यक्रमों में भाग लेने पहुंचे राजद नेता रघुपति यादव को फूल-मालाओं, अंगवस्त्रों और गर्मजोशी के साथ सम्मानित किया गया।

इस दौरान मुहर्रम कमिटी के सदस्यों ने उनका स्वागत करते हुए उनकी उपस्थिति को सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक बताया। अपने संबोधन में रघुपति यादव ने कहा कि मुहर्रम का पर्व हमें त्याग, बलिदान और सच्चाई की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने करबला के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कुर्बानी अन्याय, अत्याचार और अहंकार के विरुद्ध सच्चाई के लिए दी गई थी, जिसे इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा।

उन्होंने कहा,
“हमें इमाम हुसैन की कुर्बानियों से यह संदेश लेना चाहिए कि इंसानियत, सच्चाई और अच्छाई के लिए अगर ज़रूरत पड़े तो सबसे बड़ी कुर्बानी देने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। करबला का मैदान यही सिखाता है कि बुराई के खिलाफ लड़ाई कभी व्यर्थ नहीं जाती, उसका असर पीढ़ियों तक होता है।”

इस अवसर पर रघुपति यादव ने पारंपरिक ढंग से तलवार भी भांजी और उपस्थित जनसमुदाय से अपील करते हुए कहा कि मुहर्रम को आपसी भाईचारा, प्रेम और एकता के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि मुहर्रम केवल शोक का नहीं बल्कि आत्मनिरीक्षण और प्रेरणा का पर्व है, जो हमें बताता है कि ज़िंदगी में सच्चे आदर्शों पर चलना कितना महत्वपूर्ण है।

राजद नेता ने कहा कि आज के दौर में जब समाज में नफ़रत और हिंसा फैलाने की कोशिशें हो रही हैं, तब हमें हज़रत इमाम हुसैन के आदर्शों को अपनाने की सख्त जरूरत है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सौहार्द, धर्मनिरपेक्षता और भाईचारा ही हमारी असली पहचान है।

इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से साधू यादव, अजय यादव, लोहा यादव, अनिल रानावत, मनोज पाण्डेय, गणेश यादव, अरविंद पासवान, रवि राम, मोहम्मद इद्रीश, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद रफी, मोहम्मद अजहरुद्दीन, मोहम्मद असलम अंसारी, अफताब, मोहम्मद जैनुल सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल थे।

कार्यक्रम में जहां एक ओर धार्मिक भावना का सम्मान किया गया, वहीं दूसरी ओर सामाजिक समरसता और राजनीतिक सौहार्द की मिसाल भी पेश की गई।

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