हिमाचल में आपदा प्रबंधन कार्यों के अध्ययन हेतु उत्तराखण्ड का विशेषज्ञ दल जाएगा

Report By: उत्तराखंड डेस्क

देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य सरकार प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों को लेकर एक कदम और आगे बढ़ गई है। प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने निर्देश दिए हैं कि उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) का एक विशेषज्ञ दल हिमाचल प्रदेश का दौरा करेगा, जहां हाल ही में अतिवृष्टि (भारी बारिश) के कारण उत्पन्न आपदा की स्थिति और उससे निपटने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों का अध्ययन और विश्लेषण किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन को आवश्यक समन्वय और दल गठन के निर्देश देते हुए कहा कि, “हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां मिलती-जुलती हैं। ऐसी स्थिति में यह जानना और समझना बेहद जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार प्रशासन ने आपदा की स्थिति में कार्य किया। इससे हमें भविष्य के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करने में मदद मिलेगी।”

आपदा प्रबंधन की तैयारियों की हुई गहन समीक्षा
मुख्य सचिव श्री बर्द्धन ने आज राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (State Emergency Operation Centre) पहुंचकर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से उत्पन्न आपदा संभावित परिस्थितियों की समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से वर्तमान में प्रदेश में वर्षा की स्थिति, आने वाले दिनों के मौसम पूर्वानुमान, अब तक की वर्षा की मात्रा और भूस्खलन के कारण बंद हुई सड़कों की पूरी जानकारी ली।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि:
सभी बंद सड़कों को शीघ्रता से खोला जाए।
भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में आवश्यक उपकरण एवं संसाधन तैनात किए जाएं।
यह सुनिश्चित किया जाए कि 15 मिनट के भीतर JCB मशीनें और अन्य जरूरी उपकरण घटनास्थल पर पहुंचें।
ग्रामीण सड़कों को भी युद्धस्तर पर खोलने की प्रक्रिया अपनाई जाए।

सचिव आपदा प्रबंधन श्री विनोद कुमार सुमन ने जानकारी दी कि देहरादून, नैनीताल एवं बागेश्वर जिलों में मौसम विभाग द्वारा ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों में बुधवार से येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा। उन्होंने बताया कि जहां जून माह में सामान्य से कम वर्षा दर्ज की गई थी, वहीं जुलाई में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई गई है।

सचिव ने यह भी कहा कि सभी जिलों को अलर्ट पर रखा गया है और ज़रूरी आपदा राहत संसाधनों की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है।

इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ भी बैठक में मौजूद रहे, जिनमें शामिल हैं:
श्री आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन)
डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन)
मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी
श्री आलोक कुमार, ड्यूटी ऑफिसर एवं उप सचिव
यूएसडीएमए के विशेषज्ञ: श्री मनीष भगत, श्री रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, श्री हेमंत बिष्ट और सुश्री तंद्रीला सरकार

उत्तराखण्ड सरकार की यह पहल न केवल प्रदेश की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करेगी, बल्कि एक राज्य से दूसरे राज्य के अनुभवों को साझा करने की संस्कृति को भी बढ़ावा देगी। यह अध्ययन दल हिमाचल प्रदेश में किए गए उपायों का बारीकी से मूल्यांकन करेगा और उसकी रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखण्ड के लिए एक स्थायी और व्यवहारिक आपदा प्रबंधन रणनीति विकसित की जाएगी।

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