सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव स्तर की बैठक संपन्न




देहरादून: मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय सभागार में सचिव स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में राज्य के प्रमुख सचिव, विशेष प्रमुख सचिव एवं सचिव स्तर के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभागीय कार्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज (सफलता की कहानियाँ) को एकत्र कर उन्हें संकलित एवं प्रस्तुत करने की रणनीति बनाना था, ताकि राज्य के अन्य विभागों एवं अधिकारियों को प्रेरणा मिल सके तथा सुशासन की दिशा में एक ठोस आधार तैयार किया जा सके।

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने विभागों में हो रहे उल्लेखनीय, अभिनव एवं प्रभावशाली कार्यों को पहचानें और उन पर आधारित एक बेस्ट प्रैक्टिसेज रिपोर्ट तैयार करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये बेस्ट प्रैक्टिसेज किसी भी अन्य राज्य से अलग, विशेष और नवाचारी होनी चाहिए, ताकि उत्तराखंड की प्रशासनिक दक्षता और कार्यक्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इन बेस्ट प्रैक्टिसेज को संस्थागत (Institutional) अथवा व्यक्तिगत (Individual) स्तर पर तैयार किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को एक व्यवस्थित प्रेजेंटेशन तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें कार्य की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, क्रियान्वयन की रणनीति, प्राप्त परिणाम और उसका जनमानस पर प्रभाव स्पष्ट रूप से शामिल हो।

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), कृषि, उद्यान, बाल विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, सहकारिता, पशुपालन, वन, शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य, आयुष आदि विभागों में बेस्ट प्रैक्टिसेज की अत्यधिक संभावना जताई। उन्होंने इन विभागों के सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने कार्यों की गंभीर समीक्षा करते हुए ऐसी योजनाओं, कार्यक्रमों और पहलों की पहचान करें जो आम जनजीवन को प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित कर रही हों।

मुख्य सचिव ने कहा कि इन प्रयासों का उद्देश्य केवल प्रशंसा प्राप्त करना नहीं है, बल्कि अन्य अधिकारियों और विभागों के लिए प्रेरणा स्रोत बनाना है। इससे राज्य में सुशासन, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और दक्षता की भावना को बल मिलेगा।

बैठक में मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी कार्यप्रणाली को अधिक से अधिक डिजिटल माध्यम से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किए जाने से एक खुली, पारदर्शी, सहज और व्यवस्थित प्रशासनिक व्यवस्था का निर्माण होगा। इससे न केवल कार्यों की निगरानी आसान होगी, बल्कि जनता को भी समय पर सेवाएं मिल सकेंगी।

मुख्य सचिव श्री बर्द्धन ने ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम – 2007’ के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य हमारे बुजुर्गों को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना है। उन्होंने सभी संबंधित सचिवों और जिलाधिकारियों को सख्ती से इस अधिनियम के अनुपालन के निर्देश दिए, ताकि हमारे ज्ञान और अनुभव की धरोहर – वरिष्ठ नागरिक – अपने जीवन के अंतिम चरणों में गरिमामय जीवन जी सकें।

बैठक में राज्य के प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री एल. एल. फैनई, श्री प्रदीप पंत, विशेष प्रमुख सचिव श्री अमित सिन्हा, सचिव श्री नीतेश कुमार झा, श्री रविनाथ रामन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्रीधर बाबू आद्यंकी, श्री चंद्रेश यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री दीपेंद्र कुमार चौधरी, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान एवं श्री धीरज सिंह गबर्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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