कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025: दूसरे जत्थे का टनकपुर में पारंपरिक अंदाज़ में हुआ भव्य स्वागत

Report By: उत्तराखंड डेस्क

टनकपुर: पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के दूसरे जत्थे का आज टनकपुर में पारंपरिक उत्तराखण्डी लोकसंस्कृति के साथ भव्य स्वागत किया गया। कुल 48 श्रद्धालुओं (34 पुरुष और 14 महिलाएं) के इस दल का स्वागत स्थानीय प्रशासन, कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) और स्थानीय नागरिकों द्वारा किया गया।

स्वागत के दौरान यात्रियों पर पुष्प वर्षा की गई और पारंपरिक ढोल-दमाऊ, रणसिंघा और लोकगीतों के माध्यम से उन्हें यात्रा के पहले पड़ाव पर हार्दिक शुभकामनाएं दी गईं। स्वागत समारोह में स्थानीय कलाकारों ने उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की, जिससे पूरा वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।

कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) की ओर से यात्रियों के स्वागत, रात्रि विश्राम, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं मार्गदर्शन की समुचित व्यवस्था की गई है। टनकपुर में एक अस्थायी यात्री सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है, जहां यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की गई और उन्हें आगे की यात्रा के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

KMVN के अधिकारियों के अनुसार, यह जत्था टनकपुर में एक रात्रि विश्राम के बाद मंच, गुंजी, नाभीढांग होते हुए लिपुलेख दर्रे के माध्यम से पवित्र कैलाश मानसरोवर की ओर अपनी अगली यात्रा पर प्रस्थान करेगा।

यात्रा मार्ग पर प्रशासन की सख्त निगरानी
पूरे यात्रा मार्ग पर राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सहायता, ठहराव की व्यवस्था, वाहन सुविधा, पोर्टर सेवा और अन्य जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। यात्रियों की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police), एसडीआरएफ (State Disaster Response Force), स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की टीमें लगातार सक्रिय हैं।

टनकपुर से लेकर लिपुलेख दर्रे तक के कठिन और संवेदनशील यात्रा मार्ग पर आपात स्थिति में त्वरित सहायता के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट, सैटेलाइट फोन, और हेलीकॉप्टर आपातकालीन सेवाएं भी तैयार रखी गई हैं।

मुख्यमंत्री धामी की अगुवाई में हो रही है यात्रा
इस वर्ष की कैलाश मानसरोवर यात्रा का पहला जत्था उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। मुख्यमंत्री ने यात्रा की सफलता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन को हर संभव सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि उत्तराखण्ड सरकार हर चरण में यात्रियों को सहयोग, सुविधा और सुरक्षा प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा,
कैलाश मानसरोवर यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि हमारी आस्था, धैर्य और साहस का प्रतीक है। उत्तराखण्ड सरकार का प्रयास है कि प्रत्येक श्रद्धालु की यह यात्रा सुरक्षित, सुविधाजनक और यादगार बने।”

कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माने जाते हैं। भगवान शिव का निवास स्थल माने जाने वाला यह क्षेत्र तिब्बत में स्थित है, लेकिन भारत के उत्तराखण्ड राज्य के पिथौरागढ़ जिले से होकर इस पवित्र स्थल की यात्रा की जाती है। यह यात्रा कठिन लेकिन अत्यंत आत्मिक अनुभव से भरपूर होती है।

Related Articles

Back to top button