बहलोलपुर पंचायत में सामुदायिक और मियावाकी वृक्षारोपण अभियान 2025 का आयोजन

Report By: आसिफ अंसारी
गाजीपुर : जनपद के बिरनो विकास खंड अंतर्गत बहलोलपुर ग्राम पंचायत में मंगलवार को “बृहद वृक्षारोपण – 2025” अभियान के अंतर्गत एक भव्य वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष अभियान में सामुदायिक वृक्षारोपण के साथ-साथ मियावाकी तकनीक से भी पौधे लगाए गए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन बनाए रखना, हरियाली बढ़ाना और लोगों को पौधरोपण के प्रति जागरूक करना रहा।
इस कार्यक्रम का नेतृत्व ग्राम पंचायत बहलोलपुर के प्रधान श्री रामअशीष सिंह ने किया। उन्होंने खुद अपने हाथों से पौधा लगाकर अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में पेड़ लगाना और उनकी देखभाल करना हम सभी की जिम्मेदारी बन चुकी है। पेड़ ही हमें शुद्ध हवा, छाया और जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी (बिरनो) कौस्तुभ भणि पाठक विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि केवल पौधे लगाना ही काफी नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षित रखते हुए बड़े पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करना भी ज़रूरी है।
इस अभियान में पंचायत सहायक वीरबहादुर चावल (वस्तोलापुर), आनन्द कुमार सिंह, राजीव आर्य, पवन विश्वकर्मा, राकेश विश्वकर्मा, राजनाथ यादव, ललनबंध यादव,इल जन्म राजभर,अरुण पटेल, जितेन्द्र सिंह, अभिषेक सिंह, रामअधार राजभर, नितीन यादव, लालचंद यादव, और कोमल यादव सहित दर्जनों लोगों ने भाग लिया और पौधे लगाए।
इस अवसर पर बहलोलपुर के साथ-साथ आस-पास के गांवों के लोगों ने भी कार्यक्रम में भाग लेकर इस कार्य को सफल बनाने में योगदान दिया। जयप्रकाश राम और कमालखर-बिरनो से भी ग्रामीण उपस्थित रहे और उन्होंने सामूहिक रूप से पौधारोपण किया।
कार्यक्रम में मियावाकी पद्धति से भी पौधारोपण किया गया, जिसमें छोटी सी जगह में घना जंगल तैयार करने की तकनीक अपनाई जाती है। इस तकनीक से लगाए गए पौधे तेजी से बढ़ते हैं और कम समय में घना क्षेत्र बनाते हैं। इस तरह के पौधारोपण से न सिर्फ हरियाली बढ़ेगी बल्कि जैव विविधता को भी संरक्षण मिलेगा।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने यह संकल्प लिया कि रोपे गए हर पौधे को पेड़ बनने तक संरक्षित किया जाएगा और पर्यावरण की रक्षा हेतु हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
इस सफल आयोजन से ग्रामवासियों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता बढ़ी है और आने वाले समय में ऐसे और कार्यक्रमों के आयोजन की उम्मीद की जा रही है।