महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने किया त्रिवेणी रोपण

Report By: श्रवण कुमार यादव

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और मातृ सम्मान की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने बुधवार को बाराबंकी जनपद के कैंट परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम 2.0” अभियान के तहत त्रिवेणी (पीपल, बरगद, नीम) का पौधरोपण कर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

यह वृक्षारोपण महाअभियान उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके अंतर्गत एक ही दिन में प्रदेशभर में 37 करोड़ पौधे रोपित किए जा रहे हैं। बाराबंकी जनपद को इस लक्ष्य में 60 लाख पौधे लगाने का जिम्मा मिला है, जो जिले की सहभागिता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।

“यह केवल पौधरोपण नहीं, बल्कि मातृत्व के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है” – राज्यपाल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल ने कहा कि “एक पेड़ माँ के नाम” केवल पर्यावरण संरक्षण का कार्य नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय संदेश है—माँ के प्रति कृतज्ञता और धरती माँ के प्रति सम्मान का भाव। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों द्वारा लगाए गए पेड़ आज भी हमें छाया और प्राणवायु दे रहे हैं। अब हमारी बारी है कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए हरा-भरा और स्वस्थ वातावरण छोड़ें।”

राज्यपाल ने पर्यावरण संरक्षण को जीवनशैली में शामिल करने की बात करते हुए लोगों से आह्वान किया कि वे अनावश्यक प्रदूषण से बचें, जल एवं वायु की रक्षा करें, अधिकाधिक पौधे लगाएं और उनकी नियमित देखभाल करें।

महामहिम राज्यपाल द्वारा त्रिवेणी पौधों (पीपल, बरगद, नीम) के रोपण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र शर्मा ने कचनार, विधान परिषद सदस्य इंजी. अवनीश कुमार ने गुलमोहर, सदस्य विधान परिषद अंगद सिंह ने बाटल ब्रश, विधायक साकेन्द्र प्रताप वर्मा ने कदम्ब, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अनुराधा वेमूरी एवं कर्नल नेहा भटनागर, सचिव बेसिक शिक्षा श्रीमती सारिका मोहन, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती अदिति शर्मा ने भी पौधारोपण कर कार्यक्रम को अपनी सहभागिता दी।

राज्यपाल महोदया के स्वागत में जिलापंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत, जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय, मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन, प्रभागीय वनाधिकारी आकाशदीप बधावन, भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्य सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, स्वयंसेवी संगठन, शिक्षक, स्कूली छात्र-छात्राएं एवं आमजन उपस्थित रहे।

राज्यपाल ने परिसर में अन्य पौधारोपण स्थलों का निरीक्षण भी किया और सभी से अपील की कि वे अपने द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल करें और उनसे भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखें।

लघु फ़िल्म और सम्मान समारोह का आयोजन
इस अवसर पर राज्यपाल महोदया द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान पर आधारित एक लघु फ़िल्म का विमोचन भी किया गया। फ़िल्म में वृक्षारोपण के महत्त्व, सामाजिक सहभागिता और मातृत्व सम्मान की भावना को दर्शाया गया है।

कार्यक्रम के दौरान 05 आंगनबाड़ी केंद्रों को खेल किट, 05 क्षयरोगियों को पोषण पोटलियाँ और 05 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को “ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट” और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

टीबी उन्मूलन की दिशा में बाराबंकी की पहलqlqlll
राज्यपाल ने बाराबंकी जनपद में क्षयरोगियों को 101 पोषण पोटलियाँ वितरित किए जाने की सराहना की और कहा कि उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक टीबी रोगियों वाला राज्य है, अतः वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए इस प्रकार की सामूहिक जिम्मेदारी और सेवा की भावना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि औद्योगिक इकाइयों को आगे आकर इस प्रकार की स्वास्थ्य एवं पोषण योजनाओं में सहयोग देना चाहिए।


मियावाकी पद्धति और निजी भूमि पर वृक्षारोपण की सराहना

महामहिम ने वृक्षारोपण की “मियावाकी पद्धति” को अपनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि सीमित भूमि में अधिक वृक्ष लगाने के लिए यह तकनीक उपयोगी है। साथ ही उन्होंने किसानों द्वारा अपनी निजी भूमि पर वृक्षारोपण और उनसे मांग की जा रही पौध प्रजातियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में वन विभाग के प्रयासों की भी प्रशंसा की।

कार्यक्रम के दौरान यह देखने को मिला कि कैसे यह वृक्षारोपण अभियान केवल सरकारी योजना न होकर, व्यक्तिगत और सामाजिक चेतना का प्रतीक बन गया है। जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर इसे एक भावनात्मक और प्रेरणादायक अभियान में बदल दिया।

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