सआदतगंज में श्रद्धा, परंपरा और शांति के साथ मनाया गया मोहर्रम का पर्व

Report By: श्रवण कुमार यादव
बाराबंकी : रामनगर क्षेत्र के अंतर्गत कस्बा सआदतगंज में मोहर्रम का पर्व बड़े ही श्रद्धा, धार्मिक आस्था और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। मोहर्रम के नवी, दसवीं और बारहवीं तारीख को कस्बे में अलम और ताजिया का जुलूस निकाला गया, जिसमें भारी संख्या में स्थानीय लोग और ग्रामीण शामिल हुए। सभी ने कर्बला के 72 शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की।
बारहवीं मोहर्रम के दिन कस्बे में जगह-जगह शर्बत, ठंडे पानी और भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था की गई, ताकि दूर-दराज़ से आए लोगों को कोई असुविधा न हो। अंजुमन गुलामाने पंजतन (सआदतगंज महल्ला पचासा कोनवा) की ओर से बड़े स्तर पर भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा। वरिष्ठ अधिकारी भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर उपस्थित रहे। पूरे मार्ग पर निगरानी रखी गई, जिससे कि किसी प्रकार की कोई समस्या न हो और जुलूस पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सका।
इस जुलूस का नेतृत्व ग्राम प्रधान मोहम्मद कलीम, मोहम्मद तौकीर, चौधरी मोहम्मद नसीम, मोहम्मद कासिम, मोहम्मद इम्तियाज, मोहम्मद तनवीर हाफिज, मोहम्मद रईस हाफिज, सिराजुद्दीन, पप्पू, सलीम बाबा और मोहम्मद रिजवान ने किया। सभी लोगों ने मिलकर व्यवस्था को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।
मुख्य आयोजन समिति में अंसार हुसैन, मोहम्मद तोसीफ, मोहम्मद जैद, अरसियाज हुसैन और जाफर हुसैन प्रमुख रूप से सक्रिय रहे। इसके साथ ही, कार्यकर्ता के रूप में मोहम्मद अकमल, एखलाक हुसैन, मोहम्मद हस्सान, मोहम्मद सुवालेह अंसारी समेत कई अन्य लोगों ने दिन-रात मेहनत कर आयोजन को सफल बनाया।
पूरे आयोजन के दौरान क्षेत्र में धर्म और समुदाय की एकता देखने को मिली। लोगों ने आपसी सहयोग से एक दूसरे की मदद की और एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में मोहर्रम का यह पावन पर्व शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। इससे क्षेत्र में भाईचारे और मेलजोल का संदेश गया।
इस तरह सआदतगंज का मोहर्रम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बना बल्कि सामुदायिक सहयोग और सांप्रदायिक एकता का सुंदर उदाहरण भी प्रस्तुत किया।