बाराबंकी में पत्रकारों ने ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान के तहत लगाए पौधे

संवाददाता: श्रवण कुमार यादव
बाराबंकी जिले में पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व सम्मान को समर्पित एक भावनात्मक और प्रेरणादायक पहल ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन थाना जहांगीराबाद क्षेत्र के मंझलेपुर (बनवा) मोहल्ले में A2Z Live Khabrein के संयोजन और वरिष्ठ पत्रकार मो. अशरफ अल्वी के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
इस अभियान के अंतर्गत जिले के पत्रकारों ने अपनी माताओं की स्मृति और सम्मान में पौधारोपण कर न केवल पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई, बल्कि मातृशक्ति को नमन करते हुए समाज के लिए एक प्रेरणा की मिसाल भी पेश की।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला सूचना अधिकारी आरती वर्मा ने एक अशोक का पौधा लगाकर किया। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों की इस अनूठी पहल की सराहना करते हुए कहा,
यह कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है, बल्कि माताओं के प्रति सम्मान और सामाजिक चेतना को भी उजागर करता है।”
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पर्यावरण संरक्षण को लेकर मिशन मोड में काम कर रहे हैं। वृक्षारोपण को लेकर निरंतर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, और पत्रकारों द्वारा किया गया यह प्रयास समाज को दिशा देने का कार्य कर रहा है।
इस अवसर पर जिले के कई वरिष्ठ और नवोदित पत्रकारों ने अपने-अपने हाथों से पौधे रोपकर मातृ सम्मान और प्रकृति संरक्षण की मिसाल कायम की।
कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों में प्रमुख रूप से
धर्मेंद्र कुमार (रेंजर, वन विभाग),
हरिनाम चेयरमैन सुरेंद्र वर्मा,
डॉ. विवेक वर्मा,
पंकज गुप्ता ‘पंकी’,
उमेश मिश्रा,
आमिर अली,
नितेश मिश्र,
अरशद जमाल,
रज़ी सिद्दीकी,
बलवंत सिंह,
सुहैल अहमद अंसारी,
रेहान अल्वी,
राहुल त्रिपाठी सहित कई पत्रकार शामिल रहे।
हर पत्रकार ने अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाकर अभियान में सहभागिता निभाई। इस अवसर पर बच्चों और मोहल्ले के नागरिकों ने भी पौधों की देखरेख का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के आयोजक और पत्रकार मो. अशरफ अल्वी ने बताया,
पत्रकारिता केवल समाचार संकलन और लेखन तक सीमित नहीं है। समाज को सकारात्मक दिशा देना भी हमारी ज़िम्मेदारी है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान इसी सोच की उपज है, और यह एक आंदोलन का रूप ले रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में यह अभियान जिले के अन्य हिस्सों में भी चलाया जाएगा, और आम नागरिकों को इसमें भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि अगर हर नागरिक साल में केवल एक पेड़ अपनी मां के नाम लगाए और उसकी देखभाल करे, तो न केवल पर्यावरण में संतुलन स्थापित होगा बल्कि यह अगली पीढ़ियों को भी जीवनदायिनी विरासत के रूप में मिलेगा।
वृक्षारोपण को एक भावनात्मक आंदोलन बनाते हुए यह अभियान आज केवल एक पर्यावरणीय प्रयास नहीं, बल्कि संस्कार और सम्मान का प्रतीक बन गया है।