सचिव स्तर की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने दिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश

Report By: उत्तराखंड डेस्क
देहरादून: प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने सोमवार को राज्य सचिवालय में सभी विभागीय सचिवों के साथ सचिव स्तर की महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में राज्य में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं, केंद्र सरकार से समन्वय, तकनीकी नवाचार, आउटपुट इंडिकेटर, और कार्बन क्रेडिट के उपयोग जैसे प्रमुख मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
शहरी परियोजनाओं की सूची तैयार करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने बैठक के दौरान निर्देशित किया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में संचालित या प्रस्तावित सभी बड़ी परियोजनाओं की विस्तृत सूची तैयार की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन परियोजनाओं का अतिशीघ्र लोकार्पण या शिलान्यास किया जाना है, उनकी प्राथमिकता के आधार पर समीक्षा की जाए ताकि उनके कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जा सके।
केंद्र सरकार को भेजे जाएं विभागीय प्रकरणों की अद्यतन स्थिति
श्री बर्द्धन ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि भारत सरकार के साथ साझा किए जाने वाले सभी प्रकरणों की अद्यतन स्थिति तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं की प्रगति से केंद्र को अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है, जिससे योजनाओं की स्वीकृति एवं धनराशि की प्राप्ति में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न हो।
विभागीय कार्यों के आउटपुट इंडिकेटर पर विशेष जोर
मुख्य सचिव ने समीक्षा के दौरान यह भी कहा कि सभी विभाग अपने-अपने कार्यों का स्पष्ट आउटपुट इंडिकेटर तैयार करें। उन्होंने बताया कि इससे कार्यों की उपलब्धियों का मूल्यांकन आसान होगा तथा पारदर्शिता भी बनी रहेगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आउटपुट आधारित कामकाज से योजनाओं के प्रभाव को जमीनी स्तर पर आंकने में सहायता मिलेगी।
तकनीकी नवाचारों के प्रभाव का तुलनात्मक विवरण तैयार करने के निर्देश
बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि जिन विभागों ने अपने कार्यों में नई तकनीकों का प्रयोग किया है, वे यह स्पष्ट करें कि उन नवाचारों से क्या और कितना सुधार हुआ है। मुख्य सचिव ने कहा कि अभिनव प्रयोगों के प्रभाव को तुलनात्मक रूप से प्रस्तुत किया जाना चाहिए, ताकि उनकी सफलता का मूल्यांकन किया जा सके और अन्य विभाग भी उन प्रयोगों से सीख ले सकें।
विभागीय कार्यों के वर्क प्लान पर भी दिया गया जोर
श्री बर्द्धन ने सभी सचिवों से आग्रह किया कि वे अपने विभागीय कार्यों का स्पष्ट वर्क प्लान तैयार करें और उसे शासन से अनुमोदित भी करवाएं। उन्होंने बताया कि कार्यों की योजना पहले से निर्धारित हो, तो उसे लागू करने में तेजी लाई जा सकती है और समन्वय बेहतर हो सकता है।
कार्बन क्रेडिट से लाभ उठाने वाले विभाग करें रणनीति तैयार
बैठक के एक अहम बिंदु पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि जिन विभागों में कार्बन क्रेडिट अर्जित करने की संभावना है, वे इसके लिए विस्तृत योजना तैयार करें। उन्होंने निर्देशित किया कि कार्बन क्रेडिट से होने वाले लाभों को राज्य की आय में परिवर्तित किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक संसाधनों में भी वृद्धि संभव हो सके।
इस अहम बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री एल फैनई, श्री शैलेश बगौली, श्री रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पांडेय, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. श्रीधर बाबू आद्यंकी, श्री चंद्रेश यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री एस.एन. पांडेय, श्री दीपेंद्र कुमार चौधरी, श्री दीपक कुमार, श्री वी. षणमुगम, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री सी. रविशंकर, श्री रणवीर सिंह चौहान, श्री नीरज खैरवाल, श्री युगल किशोर पंत, श्री धीराज गबर्याल तथा अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे सहित अनेक विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।