ब्लैकमेलिंग करते रंगेहाथ पकड़ा गया फर्जी पत्रकार

रिपोर्ट: आसिफ अंसारी
गाजीपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से पत्रकारिता के नाम पर वर्षों से ब्लैकमेलिंग और जबरन वसूली करने वाले एक तथाकथित पत्रकार का खेल आखिरकार खत्म हो गया। खुद को पत्रकार बताकर लोगों को धमकाने, पंचायत प्रतिनिधियों को झूठी खबरों के जरिए डराने और ब्लैकमेल कर मोटी रकम ऐंठने वाला आरोपी अमित उपाध्याय इस बार बुरी तरह फंस गया है। करंडा थाना पुलिस ने महिला प्रधान की शिकायत पर उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।
पूरा मामला करंडा थाना क्षेत्र के सुगापुर गांव का है, जहां महिला प्रधान ज्योति देवी (पत्नी ओमप्रकाश) के पंचायत कार्यों की निगरानी करने के बहाने आरोपी पत्रकार अमित उपाध्याय पहुंचा। वहां उसने सीधे महिला प्रधान से ₹20,000 की डिमांड कर दी। पीड़ित पक्ष द्वारा पैसा देने से इनकार करने पर अमित ने उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने की धमकी दी। उसने फोटो खींचे, वीडियो बनाए और कहा कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो वह प्रधान के खिलाफ फर्जी खबरें चलवाकर जांच और जेल तक भिजवाने का काम करेगा।
पीड़िता के परिवार के मुताबिक, 27 जून को आरोपी ने जबरन ₹1000 की वसूली की और पैसे लेते हुए खुद का वीडियो भी रिकॉर्ड किया, ताकि आगे और ज्यादा रकम के लिए ब्लैकमेल कर सके। यही नहीं, 7 जुलाई की सुबह वह एक अज्ञात युवक के साथ पीड़ित के घर पहुंचा और बाकी ₹19,000 की डिमांड करने लगा। विरोध करने पर उसने जान से मारने और अंग-भंग करने की धमकी तक दे डाली।
इस पूरे मामले की शिकायत पीड़िता के पति ओमप्रकाश ने करंडा थाने में की। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 308(5) और 351(3) के तहत मुकदमा दर्ज किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं और उसकी ब्लैकमेलिंग की वीडियो क्लिपिंग भी केस फाइल में शामिल की गई है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार अमित उपाध्याय का पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का पुराना रिकॉर्ड है। उस पर पहले भी विभिन्न थानों में कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि वह पंचायत प्रतिनिधियों, ठेकेदारों और सरकारी विभागों से इसी तरह झूठे समाचार का भय दिखाकर उगाही करता रहा है।
कुछ महीने पहले भी वह ग्रामीणों की पकड़ में आकर सार्वजनिक रूप से पिटाई खा चुका है, लेकिन हर बार वह किसी न किसी राजनीतिक या सिस्टम के रसूखदार व्यक्ति की शरण में जाकर बच निकलता था।
लेकिन इस बार मामला महिला प्रधान से जुड़ा होने के कारण पुलिस ने सख्ती दिखाई है और पूरा घटनाक्रम वीडियो साक्ष्य के रूप में दर्ज किया गया है।
करंडा थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपित के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलने के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। पुलिस का कहना है कि ऐसी फर्जी पत्रकारिता कर रहे लोगों के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुगापुर गांव के ग्रामीणों ने करंडा पुलिस की कार्रवाई पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई जरूरी है, जो पत्रकारिता के नाम पर गांव-समाज को बदनाम करते हैं और गरीब प्रधानों व जनप्रतिनिधियों को डराकर वसूली करते हैं।
फिलहाल, पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है और जल्द ही उसे न्यायालय में पेश किया जाएगा। ग्रामीणों की मांग है कि ऐसे मामलों में दोषियों को कठोर सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई भी पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का धंधा न चला सके।