भोजपुर में गंगा नदी के किनारे विकसित हो ‘गंगा पथ’, जिले के विकास को मिले नई दिशा

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)

आरा:बिहार का भोजपुर जिला ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां की धरती ने देश को वीर कुंवर सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी दिए हैं, तो वहीं गंगा, सोन जैसी नदियों का आशीर्वाद भी इस क्षेत्र को प्राप्त है। खासकर गंगा नदी, जो भोजपुर जिले की उत्तर सीमा पर लगभग 60 किलोमीटर की लंबाई में बहती है, इस क्षेत्र की जीवनदायिनी है।

लेकिन अफसोस की बात यह है कि आज भी गंगा किनारे बसे गांव और शहर आधुनिक सुविधाओं और सुनियोजित विकास से वंचित हैं। जिस तरह राजधानी पटना में गंगा पथ (जेपी गंगा पथ) का निर्माण होने से राजधानी के यातायात, पर्यटन और आर्थिक विकास को नई रफ्तार मिली है, उसी तरह भोजपुर जिले के लिए भी गंगा पथ एक आवश्यक और बहुप्रतीक्षित परियोजना बन गई है।

भोजपुर जिले के कई महत्वपूर्ण प्रखंड जैसे बड़हरा, शाहपुर, बिहिया, कोईलवर और आरा गंगा नदी के करीब बसे हुए हैं। आरा शहर का मुख्यालय भी गंगा नदी से मात्र कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। यदि गंगा के किनारे एक भव्य ‘गंगा पथ’ विकसित किया जाए तो यह पूरे जिले के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा।

यह सड़क बड़हरा से लेकर कोईलवर या शाहपुर से बिहिया होते हुए आरा तक बनाई जा सकती है। इस पथ के निर्माण से गंगा किनारे बसे गांवों को बेहतर सड़क संपर्क मिलेगा, जिससे आवागमन आसान होगा और स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

भोजपुर जिला सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से भी समृद्ध है। वीर कुंवर सिंह का ऐतिहासिक किला, सोन-गंगा संगम, महादेव स्थल, विभिन्न घाट और धार्मिक केंद्र इस जिले की शान हैं। यदि गंगा पथ का निर्माण होता है तो इन पर्यटन स्थलों को एक बेहतर सड़क नेटवर्क मिलेगा। इससे धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। पर्यटन से जिले में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

हर साल गंगा नदी में बाढ़ के समय राहत और बचाव कार्यों में बड़ी दिक्कतें आती हैं। अगर गंगा पथ जैसी सुव्यवस्थित सड़क होगी तो बाढ़ के दौरान राहत टीम, एम्बुलेंस और बचाव कार्य में तेजी लाई जा सकेगी। इससे जान-माल की क्षति को न्यूनतम किया जा सकेगा।

आधुनिक गंगा पथ के अंतर्गत सड़क के दोनों ओर हरियाली का विकास, पैदल चलने के लिए फुटपाथ, साइकिल लेन, घाटों का सौंदर्यीकरण, रिवर फ्रंट पार्क, छोटे बाजार और रेस्ट एरिया बनाए जा सकते हैं। साथ ही, रात्रि में आकर्षक लाइटिंग और सीसीटीवी निगरानी की व्यवस्था से यह इलाका सुरक्षित और सुंदर बनेगा।

गंगा पथ से जहां एक ओर यातायात सुविधा बढ़ेगी, वहीं दूसरी ओर आसपास के बाजार, कृषि उत्पादों का व्यापार और स्थानीय व्यवसाय को नई जान मिलेगी। इस रोड के बनने से ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और भोजपुर का सामाजिक-आर्थिक विकास एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।

स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि भोजपुर जिले में गंगा नदी के किनारे ‘गंगा पथ’ की परियोजना को स्वीकृति दी जाए। जल्द से जल्द डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाकर निर्माण प्रक्रिया शुरू हो ताकि भोजपुर जिले को उसका हक मिल सके।

जनता का कहना है कि यह परियोजना सिर्फ एक सड़क नहीं होगी, बल्कि भोजपुर के विकास की ‘जीवनरेखा’ बनेगी। इससे न सिर्फ पर्यटन बल्कि व्यापार, कृषि, रोजगार और आपदा प्रबंधन में भी सुधार आएगा।

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