जालौन मुआवजा घोटाला: चंद्रशेखर आजाद ने CM योगी को लिखा पत्र, की CBI या STF जांच की मांग

Report By : हरिमोहन याज्ञिक

उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में जमीन मुआवजे को लेकर एक बड़े घोटाले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कालपी क्षेत्र में NH-27 फोरलेन परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीनों के मुआवजा वितरण में कथित रूप से भारी गड़बड़ी सामने आई है। इस मुद्दे को अब आजाद समाज पार्टी ने गंभीरता से उठाया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस घोटाले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने साफ कहा है कि मामले की निष्पक्ष जांच केवल केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) या राज्य की विशेष कार्यबल (STF) ही कर सकती है।

पत्र में चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया है कि इस परियोजना के तहत मुआवजे की रकम कुछ खास लोगों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दी गई, जबकि असली किसान आज भी अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों, दलालों और भू-माफियाओं की मिलीभगत से यह घोटाला योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है। चंद्रशेखर ने इसे “प्राकृतिक न्याय और संविधान के साथ धोखा” बताते हुए कहा कि इस मामले में कई उच्च पदस्थ अफसर भी संदेह के घेरे में हैं, और इसीलिए किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी की कार्रवाई ही सच्चाई को सामने ला सकती है।

NH-27 परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कालपी तहसील के अंतर्गत किया गया था, जहां बड़ी संख्या में किसानों की जमीनें सरकार द्वारा ली गईं। किसानों का आरोप है कि उन्हें मुआवजा तो दूर, अधिग्रहण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। वहीं, कई जगहों पर जिन लोगों की जमीन परियोजना क्षेत्र में आती ही नहीं थी, उन्हें करोड़ों रुपये का मुआवजा दे दिया गया। किसानों ने यह भी दावा किया है कि कई मामलों में एक ही जमीन के लिए दो-दो लोगों को भुगतान किया गया।

स्थानीय स्तर पर जब इस अनियमितता की जानकारी सामने आई तो ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया। पीड़ित किसानों ने तहसील और जिलाधिकारी कार्यालय पर शिकायतें कीं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद आजाद समाज पार्टी ने इस मुद्दे को राज्यस्तरीय राजनीति के केंद्र में लाने का फैसला किया। चंद्रशेखर आजाद ने अपने पत्र में चेतावनी दी है कि अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं होती, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर किसान अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।

राजनीतिक हलकों में इस पत्र को लेकर हलचल मची हुई है। विपक्षी दलों ने भी इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) जैसे दलों ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार चरम पर है और किसान लगातार शोषण का शिकार हो रहे हैं। विपक्ष ने यह भी कहा है कि जब तक दोषियों को जेल नहीं भेजा जाएगा, तब तक यह मामला जनता की नजर में अधूरा रहेगा।

यह घोटाला न केवल किसानों की भूमि के अधिकारों पर हमला है, बल्कि शासन प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पूरे मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और क्या CBI या STF जैसी स्वतंत्र एजेंसियों से जांच की घोषणा होती है या नहीं।

Akash Yadav

आकाश यादव पिछले 9 सालों से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने हिन्दी दैनिक अखबार अमरेश दर्पण से पत्रकारिता की शुरुआत की, इसके उपरांत टीवी मीडिया के ओर रुख मोड लिया, सबसे पहले सुदर्शन न्यूज, नेशन लाइव, ओके इंडिया, साधना एमपी/सीजी और बतौर लखनऊ ब्यूरो खबरें अभी तक न्यूज चैनल में कार्य करने के साथ सद्मार्ग साक्षी दैनिक अखबार में सहायक संपादक और कर्मक्षेत्र टीवी में बतौर संपादक कार्य कर रहे है !

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