आरा नगर निगम के दावों की खुली पोल

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा, बिहार
बिहार के भोजपुर ज़िले में स्थित आरा नगर निगम के वार्ड नंबर 42 मिल्की अनाईठ की तस्वीर आज भी बदहाल बनी हुई है। नगर निगम की लाख घोषणाओं और वादों के बावजूद इस वार्ड में पिछले सात वर्षों से नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे लोगों को नारकीय जीवन जीना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में स्थिति और भयावह हो जाती है जब सड़कें झील जैसी नजर आने लगती हैं, और लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
सड़कों पर घुटनों तक भरा गंदा पानी, नालियों की निकासी नहीं
वार्डवासियों का कहना है कि बरसात शुरू होते ही गलियों और मुख्य सड़क पर घुटनों तक पानी भर जाता है। जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। जगह-जगह कीचड़ और बदबू से लोग परेशान हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूल जाने वाले बच्चों को होती है। कीचड़ से लथपथ रास्तों में कई बार गिरने की वजह से बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है। यहां की सड़कों पर जलभराव इतना ज्यादा है कि गली-कूचों में झील जैसा नजारा दिखने लगता है।
नाराज लोगों का सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन
स्थानीय लोगों का आक्रोश अब सड़कों पर दिखाई देने लगा है। वार्डवासियों ने नगर निगम के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और मुख्य सड़क को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कई बार जनप्रतिनिधियों और निगम अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन अब तक केवल आश्वासन ही मिला। नतीजा यह है कि बारिश के मौसम में हर साल उन्हें गंदे पानी और कीचड़ से जूझना पड़ता है।
“जलालत की जिंदगी जीने को मजबूर हैं” – स्थानीय नागरिक
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम लोग सात साल से सिर्फ इंतजार कर रहे हैं कि वार्ड की हालत सुधरेगी, लेकिन हर साल हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। हम और हमारे बच्चे बीमार हो रहे हैं, स्कूल जाना मुश्किल है, ऑफिस जाना मुश्किल है, यहां तक कि रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना भी एक चुनौती बन गया है।”
जूता-चप्पल हाथ में, कपड़े घुटने तक उठाकर निकलते हैं लोग
यह दृश्य अब इस वार्ड की पहचान बन चुका है। महिलाएं, बुजुर्ग, छात्र—हर कोई मजबूरी में गंदे पानी से होकर निकलने को मजबूर हैं। लोग जूता-चप्पल हाथ में लेकर, कपड़े घुटनों तक उठाकर निकलते हैं। नालियों का पानी सड़कों पर बहता रहता है, जिससे संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है।
नगर निगम की उदासीनता पर उठे सवाल
वार्डवासियों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारी सिर्फ कागजी कार्रवाई तक सीमित हैं। न तो नालियों की सफाई होती है और न ही सड़कों की मरम्मत। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
अब जनता ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।