भोजपुर में फ़रोग़-ए-उर्दू सेमिनार, कार्यशाला एवं मुशायरे का सफल आयोजन

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

आरा,भोजपुर : उर्दू भाषा के प्रचार-प्रसार और संवर्धन के उद्देश्य से भोजपुर जिले के आरा शहर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मंत्रिमंडल सचिवालय, बिहार सरकार के अधीन कार्यरत उर्दू निदेशालय के तत्वावधान में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का आयोजन नागरी प्रचारिणी सभागार, आरा में किया गया, जिसमें फ़रोग़-ए-उर्दू विषय पर एक सेमिनार, कार्यशाला तथा मुशायरे का आयोजन किया गया। यह आयोजन जिला स्तर पर किया गया, जिसमें जिले के सभी उर्दू अनुवादकों व कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई, जिसमें सहायक समाहर्ता श्री सैयद अदील मोहसिन, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सूचना एवं जन संपर्क पदाधिकारी, नजारत उप समाहर्ता, अपर समाहर्ता (लोक शिकायत) तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। सभी अधिकारियों ने मिलकर दीप जलाया और कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।

मुख्य अतिथि श्री सैयद अदील मोहसिन ने अपने संबोधन में कहा कि उर्दू हिंदुस्तान की अपनी ज़बान है, जो इसी देश की मिट्टी में पली-बढ़ी है। यह भाषा प्यार, भाईचारे और इंसानियत का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि आज के समय में भाषा की एकजुटता और सामाजिक समरसता को बनाए रखने में उर्दू की भूमिका बहुत अहम है। हमें मिलकर इस भाषा के प्रचार और विकास के लिए काम करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इसका लाभ ले सकें।

अन्य अधिकारियों ने भी उर्दू भाषा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, साहित्यिक योगदान और सामाजिक महत्व पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि उर्दू न केवल एक भाषा है, बल्कि एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी है, जिसे सहेजना और आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकारी कार्यों में उर्दू भाषा का प्रयोग और उसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे इसे और भी प्रोत्साहन मिल रहा है।

इस आयोजन में भोजपुर जिले के सभी उर्दू अनुवादक व कर्मचारीगण ने सक्रिय भूमिका निभाई। प्रमुख रूप से नाज़िश तलत, अंदलीब उमर, रहीमा नाज़, शहबाज़ अख्तर, हसन आरिफ, ताबिश, कौसर जहाँ, मोहम्मद इब्राहीम, निज़ामुद्दीन सहित अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्य सराहनीय रहा।

कार्यक्रम का सफल संचालन और आयोजन जिला उर्दू पदाधिकारी श्रीमती असमा खातून के निर्देशन में हुआ। उन्होंने अंत में सभी अतिथियों, अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रतिभागियों का आभार प्रकट करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया।

यह आयोजन न केवल उर्दू भाषा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहा, बल्कि इससे जुड़ी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती मिली। इस प्रकार का प्रयास आगे भी जिले में जारी रहने की उम्मीद है, जिससे उर्दू भाषा को उसका उचित स्थान मिल सके।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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