आरा में भाजपा युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष की पिटाई

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)
बिहार के भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के जिलाध्यक्ष विभु जैन के साथ हुए कथित पुलिसिया दुर्व्यवहार ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। घटना में भाजपा नेता गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उन्हें उपचार के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में भारी रोष है। बताया जा रहा है कि यह मारपीट साइबर डीएसपी के द्वारा की गई, जिसे लेकर अब पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है।
भाजयुमो जिलाध्यक्ष विभु जैन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनके वार्ड में पिछले दो दिनों से एक विवाद चल रहा था। जब मामले का समाधान नहीं हुआ, तो उन्होंने जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को कॉल किया।
विभु जैन के अनुसार, “जब मैंने एसपी साहब को फोन किया तो पता चला कि वे अवकाश पर हैं और उनका चार्ज आरा के डीएसपी को सौंपा गया है। इसके बाद मैंने डीएसपी साहब से बात की, जिन्होंने मुझे साइबर डीएसपी से मिलने की सलाह दी।”
भाजपा नेता ने आगे बताया, “जब मैं साइबर डीएसपी से मिलने उनके कार्यालय गया, तो उन्होंने मुझे देखते ही कहा कि ‘पैरवीकार बन रहे हो’, और बिना कुछ समझे ही मुझ पर हाथ छोड़ दिया। बात-बात में वह इतने आक्रामक हो गए कि मुझ पर हमला कर बैठे, जिससे मैं घायल हो गया।”
पिटाई से घायल विभु जैन को आनन-फानन में आरा सदर अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। भाजपा के कई स्थानीय नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर उनका हालचाल लिया और इस घटना की कड़ी निंदा की।
भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह घटना न सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि पुलिस की निरंकुशता को दर्शाती है। एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी जनप्रतिनिधि के साथ ऐसा व्यवहार किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।
घटना के बाद अब तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। साइबर डीएसपी पर लगे गंभीर आरोपों को लेकर जनता और मीडिया के बीच कई सवाल उठ रहे हैं।
वहीं, भाजपा नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई नहीं की गई, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि बिहार में “जंगलराज” की वापसी हो चुकी है, जहां पुलिस मनमानी पर उतर आई है और जनप्रतिनिधियों की भी सुरक्षा नहीं है।