चौकीपुर गांव में लो-वोल्टेज की गंभीर समस्या, ग्रामीणों को बिजली विभाग से नहीं मिल रहा जवाब

ReportBy: तारकेश्वर प्रसाद, आरा (बिहार)
आरा,भोजपुर : बिहार के भोजपुर जिले के उदवंत नगर प्रखंड के चौकीपुर गांव में इन दिनों बिजली की हालत बेहद खराब हो चुकी है। पिछले कई दिनों से गांव में लो-वोल्टेज की समस्या बनी हुई है, जिससे आम लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि बिजली की आंख-मिचौली और बहुत कम वोल्टेज के कारण उनके घरों में चलने वाले जरूरी उपकरण जैसे पंखा, कूलर, फ्रिज, मोटर आदि सभी ठप हो गए हैं। खास तौर पर गर्मी और उमस के मौसम में बिना पंखा और कूलर के रहना बेहद मुश्किल हो गया है।
गांव के लोगों ने बताया कि सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मोटर नहीं चलने के कारण पीने के पानी का भी संकट खड़ा हो गया है। लोगों को पानी भरने के लिए इधर-उधर जाना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि बिजली विभाग को कई बार इस समस्या की शिकायत की गई, लिखित रूप से भी जानकारी दी गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस समस्या को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
मोहल्ले के बिजली मिस्त्रियों का कहना है कि गांव में जो ट्रांसफार्मर लगा है, उसमें खराबी आ गई है। यह बिजली आरा के जापानी फॉर्म से आती है, जहां से सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है।
इस लापरवाही के कारण ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। लोगों का कहना है कि रात भर बिना बिजली के रहने से बच्चों और बुजुर्गों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं महिलाएं और मजदूरी करने वाले लोग दिनभर की थकान के बाद आराम नहीं कर पा रहे हैं।
गांव के प्रमुख लोगों ने मिलकर चेतावनी दी है कि यदि अगले 24 घंटे में बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं हुई, तो वे सभी गांव के लोग मिलकर सड़क पर उतरेंगे और विरोध प्रदर्शन करेंगे।
इस समस्या को लेकर रामजी पासवान, अनिल पासवान, सुरेंद्र पासवान, वीरेंद्र पासवान, राजेंद्र पासवान, भोला पासवान, सुरेंद्र तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, धीरेंद्र तिवारी समेत अन्य ग्रामीणों ने आवाज उठाई है।
ग्रामीणों ने सरकार और बिजली विभाग से अपील की है कि जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर की मरम्मत करवाई जाए और लो-वोल्टेज की समस्या का स्थाई समाधान किया जाए, ताकि उन्हें रोजाना की तकलीफों से राहत मिल सके।
बिजली जैसी बुनियादी सुविधा के लिए आज भी गांवों को संघर्ष करना पड़ रहा है, यह एक गंभीर और सोचने वाली बात है। ग्रामीण उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही उनकी बात सुनी जाएगी और समाधान होगा।