2.83 लाख से अधिक लाभुकों को मिली बढ़ी हुई पेंशन राशि,

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

भोजपुर जिले में रविवार को “पेंशन महोत्सव” उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण आरा समाहरणालय सभागार में किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग, पटना स्थित ‘संकल्प’ भवन से सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 12 लाख से अधिक लाभार्थियों के खातों में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से 1247.34 करोड़ रुपये की बढ़ी हुई पेंशन राशि हस्तांतरित की।

भोजपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुल 2,83,600 लाभुकों को जुलाई माह के लिए प्रति लाभार्थी ₹1100 की दर से पेंशन दी गई। इस प्रकार जिले में कुल ₹31.40 करोड़ की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी गई।

कार्यक्रम में भोजपुर के जिलाधिकारी तनय सुल्तानिया ने मौजूद पेंशनधारियों को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की सभी छह प्रमुख सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। इनमें वृद्धजन पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, दिव्यांगजन पेंशन योजना समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने लाभुकों से फीडबैक भी लिया और कहा कि पेंशन राशि में वृद्धि से जरूरतमंदों के जीवनयापन में और अधिक सहूलियत होगी।

जिलाधिकारी ने यह भी बताया कि इस बार की पेंशन बढ़कर ₹1100 प्रति माह हो गई है, जो वृद्धजनों, विधवाओं और दिव्यांगजनों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में “पेंशन महोत्सव” मनाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे जन-जागरूकता और सहभागिता का सकारात्मक माहौल बना है।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त गुंजन सिंह, सहायक समाहर्ता, सहायक निदेशक (दिव्यांगजन), सहायक निदेशक (सामाजिक सुरक्षा), जिला कल्याण पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में पेंशनधारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

पेंशनधारियों ने भी राज्य सरकार द्वारा की गई इस पहल की सराहना की और कहा कि बढ़ी हुई राशि से उन्हें रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में अधिक सहूलियत मिलेगी। भोजपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस महोत्सव को लेकर खासा उत्साह देखा गया।

यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने का माध्यम रहा, बल्कि सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के महत्व और प्रभाव को जनता तक पहुंचाने का एक सशक्त प्रयास भी साबित हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह पहल राज्य के कमजोर वर्गों को आर्थिक रूप से सक्षम और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।

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