गाजीपुर पुलिस लाइन में नव नियुक्त रिक्रूट आरक्षियों हेतु विधि विज्ञान कार्यशाला का आयोजन

Report By: आसिफ अंसारी
गाजीपुर: पुलिस विभाग में प्रशिक्षणरत नव नियुक्त रिक्रूट आरक्षियों को आधुनिक पुलिसिंग और वैज्ञानिक अन्वेषण की दिशा में दक्ष बनाने के लिए आज गाजीपुर पुलिस लाइन में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का नेतृत्व स्वयं पुलिस अधीक्षक गाजीपुर डॉ. ईरज राजा ने किया।
कार्यशाला के दौरान श्रीमान एसपी डॉ. ईरज राजा ने रिक्रूट आरक्षियों को विधि विज्ञान (फोरेंसिक साइंस) के महत्व और उसकी बारीकियों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किसी भी आपराधिक मामले की जांच में वैज्ञानिक तथ्यों और साक्ष्यों की भूमिका निर्णायक होती है। विशेष रूप से हत्या, चोरी, डकैती, दुर्घटना या यौन शोषण जैसे मामलों में फोरेंसिक साक्ष्य न केवल अपराधियों को बेनकाब करने में मददगार साबित होते हैं, बल्कि अदालत में ठोस प्रमाण भी प्रस्तुत करते हैं।
कार्यशाला का मुख्य विषय था – “भौतिक साक्ष्यों का श्रोत, प्रकार एवं पहचान, एकत्रण तथा घटनास्थल से विभिन्न पदार्थों का उठाना, पैक करना और संरक्षित करना।”
इस सत्र में रिक्रूट आरक्षियों को बताया गया कि घटनास्थल से बरामद होने वाले खून, बाल, फाइबर, हथियार, उंगलियों के निशान, जूते के निशान आदि को किस प्रकार सुरक्षित तरीके से एकत्र किया जाए। इसके अलावा पैकिंग और संरक्षित करने की वैज्ञानिक विधियों पर भी उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।
सिर्फ साक्ष्यों के संग्रहण तक ही कार्यशाला सीमित नहीं रही, बल्कि इसमें रिक्रूट आरक्षियों को विधि चिकित्सा शास्त्र (Forensic Medicine) और प्राथमिक उपचार (First Aid) के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। पुलिस अधीक्षक ने जोर देते हुए कहा कि किसी भी दुर्घटना या आपराधिक घटना स्थल पर पहुँचने वाले पहले पुलिसकर्मी के रूप में आरक्षियों का दायित्व होता है कि वे न केवल साक्ष्यों को सुरक्षित रखें बल्कि जरूरतमंद लोगों को तत्काल प्राथमिक उपचार भी उपलब्ध कराएँ।
इस अवसर पर प्रतिसार निरीक्षक, आरटीसी प्रभारी, आरटीसी प्रशिक्षक (इनडोर/आउटडोर) एवं आरटीसी मेजर सहित पुलिस लाइन के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर प्रशिक्षणरत रिक्रूट आरक्षियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें पुलिस सेवा में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार किया।
गाजीपुर पुलिस द्वारा इस तरह की कार्यशालाएँ न केवल रिक्रूट आरक्षियों को तकनीकी दृष्टि से सक्षम बनाती हैं, बल्कि उनके मनोबल और कार्यकुशलता को भी बढ़ाती हैं। आधुनिक युग में अपराधियों के तौर-तरीके लगातार बदल रहे हैं, ऐसे में पुलिस को भी अपने कार्यशैली में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने रिक्रूट आरक्षियों से अपील की कि वे अपने प्रशिक्षण को गंभीरता से लें और इसे भविष्य में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लागू करें। उन्होंने विश्वास जताया कि इस तरह की कार्यशालाएँ गाजीपुर पुलिस बल को और अधिक सशक्त एवं संवेदनशील बनाएंगी।