वन वे रोड पर ट्रकों का लगातार परिचालन, दुकानदार और राहगीर परेशान, दुर्घटनाओं का बढ़ा खतरा

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा : भोजपुर जिले के कोईलवर थाना क्षेत्र में प्रशासन ने कोईलवर और चांदी को जोड़ने वाली मुख्य सड़क को काफी समय पहले वन वे घोषित कर दिया था, ताकि यातायात सुचारू रहे और लोगों को दुर्घटनाओं से बचाया जा सके। लेकिन हकीकत यह है कि इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। दिन और रात, दोनों समय चांदी की ओर से आने वाले बालू लोडेड ट्रक इस मार्ग से लगातार गुजर रहे हैं। इनकी लंबी कतारें आम लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही हैं। दुकानदारों को व्यापार में नुकसान उठाना पड़ रहा है, वहीं राहगीर और यात्रियों को सड़क पार करना जान जोखिम में डालकर करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन को इस अवैध परिचालन की लगातार शिकायत की जाती है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। हाल ही में धनडीहाँ गांव में एक अज्ञात ट्रक की चपेट में आकर एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद उम्मीद थी कि ट्रक परिचालन पर रोक लगेगी, लेकिन ट्रकों की आवाजाही पहले की तरह जारी है।
कोईलवर स्टेशन और शाहिद कपिल देव चौक के बीच सड़क की हालत भी बेहद खराब हो चुकी है। गड्ढों से भरी इस सड़क पर ट्रकों का भारी दबाव रहने से स्थिति और बिगड़ गई है। जब यात्री स्टेशन पर ट्रेन से उतरते हैं तो उन्हें सीधे इन ट्रकों के बीच से निकलना पड़ता है। यह नजारा किसी भी वक्त गंभीर हादसे को जन्म दे सकता है।
सूत्रों का कहना है कि इन ट्रकों को प्रशासन की अनदेखी या मिलीभगत से पासिंग कराई जाती है। ट्रक चालक इस मार्ग को इसलिए चुनते हैं क्योंकि यहां टोल टैक्स नहीं देना पड़ता। नतीजतन, बालू लोड ट्रक बहियारा, धनडीहाँ होते हुए कोईलवर से गुजरते हैं और फिर फोर लेन सड़क से जुड़ जाते हैं। यह स्थिति प्रशासन की लापरवाही और सख्त कार्रवाई के अभाव को उजागर करती है।
लगातार ट्रकों की आवाजाही और जाम की समस्या से दुकानदारों का हाल भी बद से बदतर हो गया है। उनका कहना है कि ग्राहक दुकानों तक आसानी से नहीं पहुंच पाते, जिससे व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थानीय व्यापारी वर्ग का आरोप है कि प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस समस्या को रोज अपनी आंखों से देखते हैं, लेकिन किसी कारणवश कार्रवाई नहीं की जाती।
ग्रामीणों और व्यापारियों का कहना है कि कब तक इस तरह लोगों की जान खतरे में पड़ती रहेगी और कब तक वन वे नियम का पालन नहीं होगा। अब लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन तत्काल इस अवैध परिचालन पर रोक लगाए, वन वे व्यवस्था को सख्ती से लागू करे और आमजन को राहत दिलाए।