शिक्षक दिवस पर जेल में बंदियों को साक्षर बनाने वाले अध्यापकों का हुआ सम्मान

Report By: आसिफ़ अंसारी
गाजीपुर: शिक्षक दिवस के अवसर पर गाजीपुर जिला कारागार में एक विशेष सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें उन शिक्षकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने पिछले चार वर्षों से जेल में निरुद्ध बंदियों को साक्षर बनाने का सराहनीय कार्य किया है। यह आयोजन उत्तर प्रदेशीय अपराध निरोधक समिति, लखनऊ के चेयरमैन कमलेश श्रीवास्तव के निर्देश पर जिला अपराध निरोधक कमेटी गाजीपुर की ओर से किया गया।
कार्यक्रम का नेतृत्व जिला सचिव अभिषेक कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा विभाग से सम्बद्ध अध्यापक धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव और अभय मौर्य को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। दोनों शिक्षक पिछले चार वर्षों से जेल में बंद निरक्षर बंदियों को पढ़ाने और उन्हें साक्षर बनाने में जुटे हुए हैं। उनका यह कार्य न केवल बंदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला है, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व को भी दर्शाता है।
इस अवसर पर जेल अधीक्षक जगदंबा प्रसाद दुबे ने कहा कि “शिक्षा ही वह साधन है जो बंदियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। ऐसे शिक्षक समाज में वास्तविक परिवर्तन लाने वाले प्रेरक स्तंभ हैं। धर्मेन्द्र जी और अभय मौर्य ने जो काम किया है, वह न केवल सराहनीय है, बल्कि अन्य शिक्षकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत है।”
कार्यक्रम में जेलर शेषनाथ यादव, उपकारपाल रविन्द्र सिंह, जिला सचिव अभिषेक कुमार सिंह, विनीत दुबे और विनीत चौहान समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे। उपस्थित सभी अधिकारियों ने शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें सम्मानित किया और यह संदेश दिया कि शिक्षा का प्रसार समाज के हर क्षेत्र में किया जाना चाहिए, चाहे वह जेल ही क्यों न हो।
धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव और अभय मौर्य ने इस सम्मान के बाद कहा कि उनका उद्देश्य केवल बंदियों को साक्षर बनाना ही नहीं है, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से सक्रिय और आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना भी है। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के माध्यम से हर व्यक्ति का जीवन बदल सकता है और जेल में सिखाई जाने वाली पढ़ाई बंदियों को आत्मविश्वास और नई दिशा देती है।
जेल में आयोजित इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक केवल कक्षा तक सीमित नहीं रहते, बल्कि समाज के हर वर्ग में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर सकते हैं। शिक्षक दिवस के इस अवसर पर इन शिक्षकों का सम्मान करना न केवल उनके अथक प्रयासों की मान्यता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि समाज में शिक्षा का प्रसार हर जगह होना चाहिए।