गाज़ीपुर के जंगीपुर में ईद-ए-मिलादुन्नबी पर पारंपरिक जुलूस, नातख़्वानी और सम्मान समारोह से गूंजा माहौल

Report By: आसिफ़ अंसारी
गाज़ीपुर : जंगीपुर नगर पंचायत क्षेत्र में 12 रबी-उल-अव्वल के अवसर में ईद-ए-मिलादुन्नबी का ऐतिहासिक और पारंपरिक जुलूस पूरे धार्मिक उत्साह और आस्था के साथ निकाला गया। यह जुलूस सुबह 7 बजे इस्लामिया स्कूल से प्रारंभ हुआ और निर्धारित मार्ग से होते हुए नगर के विभिन्न हिस्सों से गुजरा।
जुलूस इस्लामिया स्कूल से निकलकर लावा मोड़ एनएच-29 मुख्य मार्ग, अंबेडकर मोड़, गंज मोहल्ला होते हुए इस्लामिया स्कूल के पश्चिम मोहल्ला, निहाल साह दादा मजार के पास आकर सम्पन्न हुआ। पूरे मार्ग में जगह-जगह पर जुलूस का स्वागत किया गया और लोगों ने श्रद्धा एवं उत्साह से पैग़ंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के यौम-ए-पैदाइश और वफ़ात की याद में दुआएँ कीं।
इस मौके पर बड़ी संख्या में नगर पंचायत जंगीपुर के नागरिक और मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। जुलूस में अध्यक्ष प्रतिनिधि अशरफ अली, अब्बास भाई, मसीहुद्दीन कुरैशी, चुन्नू राईनी, मिंटू अंसारी, ग़ालिब खान, मुस्लिम राईनी, महफूज राईनी, इश्तियाक अंसारी, भोलू राईनी, हाजी मोहम्मद मंसूरी, आफताब अंसारी, निजामुद्दीन कुरैशी, फिरोज राईनी, प्रवीण यादव, दिवाकर प्रसाद, राहुल गुप्ता सहित नगर के सम्मानित लोग शामिल रहे।
जुलूस में आकर्षण का केंद्र रहे मशहूर नातख़्वां मोहम्मद साजिद, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ में नात पेश कर पूरे माहौल को रूहानी बना दिया। उनकी प्रस्तुतियों को सुनकर उपस्थित लोग भाव-विभोर हो उठे। मोहम्मद साजिद को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए शील्ड भेंट कर सम्मानित भी किया गया।
पूरे आयोजन के दौरान धार्मिक जोश और भाईचारे का अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। नातख़्वानी और दुआओं के बीच अमन, सौहार्द और इंसानियत का संदेश दिया गया। मुस्लिम समुदाय के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी इस जुलूस में शामिल होकर भाईचारे और सामाजिक एकता की मिसाल बने।
ईद-ए-मिलादुन्नबी का यह जुलूस न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी एकता और सद्भाव का प्रतीक बना। सुबह से लेकर दोपहर तक पूरे नगर का वातावरण आध्यात्मिकता और श्रद्धा से सराबोर रहा। लोग इस अवसर को पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की शिक्षाओं और आदर्शों को याद करने और उन्हें अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेने का दिन मानते हैं।
इस अवसर पर नगरवासियों ने शांति, भाईचारे और एकता बनाए रखने का आह्वान किया। कार्यक्रम का समापन दुआओं और अमन-चैन की कामना के साथ हुआ।