विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज में वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे का भव्य आयोजन

Report By आसिफ़ अंसारी
गोरा बाजार स्थित महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज में रविवार को वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे बड़े ही धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) आनंद मिश्रा ने केक काटकर किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. उमेश कुमार, ऑर्थो विभागाध्यक्ष डॉ. अवनीश मिश्रा सहित मेडिकल कॉलेज के अन्य चिकित्सक, फिजियोथैरेपी विभाग के स्टाफ सदस्य तथा छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को फिजियोथैरेपी की उपयोगिता और उसके लाभों से जागरूक करना था। इस दौरान प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा ने कहा कि “फिजियोथैरेपी आधुनिक चिकित्सा विज्ञान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल मरीजों को दर्द से राहत देती है, बल्कि उन्हें विकलांगता से उबारने और सामान्य जीवन जीने की दिशा में मदद करती है। फिजियोथैरेपी का नियमित उपयोग मरीजों को न केवल शारीरिक रूप से सक्रिय रखता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में सहायक होता है।”
कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश सिंह ने भी फिजियोथैरेपी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समय में बदलती जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण लोगों में हड्डियों, जोड़ों, मांसपेशियों और रीढ़ की समस्याएँ तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि समय पर इलाज और नियमित फिजियोथैरेपी से मरीजों को लंबी बीमारी और जटिलताओं से बचाया जा सकता है।
ऑर्थो विभागाध्यक्ष डॉ. अवनीश मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में आने वाले अधिकांश मरीजों को स्ट्रोक, लकवा, रीढ़ की चोट, गठिया, खेल संबंधित चोटें तथा अन्य शारीरिक समस्याएँ होती हैं। उन्होंने फिजियोथैरेपी को इन समस्याओं से राहत दिलाने के लिए एक प्रभावी उपचार बताया और कहा कि इसके जरिए रोगियों की जीवन गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
इस अवसर पर भूतपूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष श्री कृष्ण बिहारी राय जी और सुनील सिंह जी भी मौजूद रहे। श्री कृष्ण बिहारी राय ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे वर्षों से पैर की गंभीर समस्या से जूझ रहे थे। उन्होंने बताया कि महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज में दी जा रही फिजियोथैरेपी से उनकी 90 प्रतिशत समस्या ठीक हो चुकी है। उन्होंने उपस्थित लोगों को फिजियोथैरेपी के प्रति जागरूक रहने और आवश्यकता पड़ने पर इसका लाभ उठाने की सलाह दी।
हर वर्ष 8 सितंबर को वर्ल्ड फिजियोथैरेपी डे मनाया जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 1996 में वर्ल्ड कन्फेडरेशन फॉर फिजिकल थेरेपी (WCPT) द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को यह बताना है कि फिजियोथैरेपी किस तरह से दर्द निवारण, हड्डियों एवं जोड़ों की समस्याओं, स्ट्रोक, लकवे, रीढ़ की चोट जैसी गंभीर स्थितियों से उबरने में सहायक है। साथ ही यह लोगों की जीवन गुणवत्ता सुधारने और उन्हें सक्रिय व स्वस्थ जीवन जीने की राह दिखाती है।
कार्यक्रम के अंत में फिजियोथैरेपी विभाग के सभी कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से फिजियोथैरेपिस्ट नीलमणि यादव, गौरव वर्मा, सिद्धार्थ गुप्ता, अविनाश शर्मा तथा उनकी सहयोगी प्रियंका राय को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
प्राचार्य डॉ. आनंद मिश्रा ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल चिकित्सा क्षेत्र में काम कर रहे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाते हैं, बल्कि आम जनता को भी चिकित्सा सेवाओं के प्रति जागरूक करते हैं। उन्होंने फिजियोथैरेपी के क्षेत्र में और अधिक अनुसंधान, प्रशिक्षण और सेवाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।