भोजपुर के एक स्कूल स्थानांतरण को लेकर ग्रामीण गुस्से में,वोट बहिष्कार तक के मूड में ग्रामीण

रिपोर्ट: तारकेश्वर प्रसाद आरा बिहार
आरा: भोजपुर के अमेहता पंचायत के मध्य विद्यालय अमेहता के स्थानांतरण को लेकर पंचायत के 3 गांवों के ग्रामीण गुस्से में हैं और स्कूल के स्थानांतरण को ऑफिसरों और जनप्रतिनिधियों की एक साजिश मान रहे हैं।
दरअसल अमेहता हाई स्कूल अमेहता पंचायत के बसडीहां में 2019 से चल रहा है। बसडीहां में स्थित 1964 से चल रहे प्राथमिक विद्यालय की जमीन पर ही हाई स्कूल को 2019 में जगह दिया गया।
ग्रामीण राजेश तिवारी बताते हैं कि प्राथमिक विद्यालय के लिए जमीन उनके पुरखों ने दान में दिया था ताकि गांव में विद्यालय खुले और बच्चे गांव में ही पढ़ाई कर सकें । प्राइमरी स्कूल के बाद उच्च विद्यालय के लिए ग्रामीणों ने कई सालों तक कोशिश किया तब जाकर 2019 में प्राथमिक विद्यालय के पास प्रयाप्त भूमिक उपलब्ध होने की स्थिति में हाई स्कूल चालू हो गया। हाई स्कूल होने के बाद आस पास के तीन गांवों के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। स्थिति यह हो गई कि बच्चों की संख्या बढ़ने के कारण एक ही क्लास में पांच पांच वर्गों के छात्र पढ़ते है। छात्रों की संख्या बढ़ने के बाद उनके बैठने की व्यवस्था के लिए स्कूल में तीन भवनों का निर्माण भी अब चालू हो गया है लेकिन इसी बीच स्कूल के बसडीहां से अमेहता गांव स्थानांतरण के लिए CO का एक पत्र विद्यालय आ गया। इस खबर ने ग्रामीणों के साथ बच्चों के भी काम खड़े कर दिए।
गांव के ही ग्रामीण मुकुल आनंद जो भाजपा जिला प्रवक्ता भी है बताते हैं कि 2024 से लगातार विद्यालय के NOC के लिए पीरो अंचल ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं। काई बार पत्राचार किया गया लेकिन NOC नहीं मिला। वे कहते हैं कि उन्होंने आजतक CO का चेहरा नहीं देखा। वे जब मिलने जाते हैं वे ऑफिस में रहते ही नहीं हैं। ऑफिस में उनके बड़ा बाबू से भेंट होती है। जब वे उनसे इस बारे में पता करने गए तो उन्होंने बोला कि मामला DCLR के पास गया है और जब मैने अपने आवेदन को वहां खोजा तो उसकी जगह 90 डिसमिल के कागज के साथ किसी दूसरे का कागज मिला और मेरा आवेदन वहा से गायब मिला।
इसी बीच स्कूल के स्थानांतरण की खबर चौंकाने वाली है। विद्यालय के पास स्थानांतरण का कारण पर्याप्त जमीन नहीं होना बताया जा रहा है जबकि ग्रामीणों के अनुसार उक्त स्थल पर जरूरत से ज्यादा जमीन बिहार सरकार की है।
गांव के ही वार्ड सदस्य सूरज कुमार जो इस स्कूल के कमिटी मेंबर हैं उन्होंने कहा कि हमने CO से कारण की मांग की है क्योंकि उक्त पत्र के आलोक में कर्मचारी का जवाब बताता है कि बसडीहां गांव में प्रयाप्त जमीन है लेकिन बावजूद इसके इस मामले को CO ने जांच के लिए DCLR के पास भेज दिया है। अभितक भूमि की जांच के लिए कोई काम आगे नहीं बढ़ा है लेकिन जिस जगह स्कूल को स्थानांतरण करने के लिए अमेहता गांव की भूमि का जिक्र किया गया है उस भूमि पर फिलहाल पंचायत भवन का निर्माण चल रहा है और उसी के पास स्थित गड्ढे पर जमीन स्थानांतरण के लिए सुझाव दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वे इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र मान रहे हैं। लोगों को शक है यह काम मुखिया और अधिकारियों ने मिलीभगत से किया है । हालांकि इस विषय पर मुखिया श्रीमन नारायण ने पलड़ा झड़ते हुए कुछ भी कहने से इनकार किया है और उन्होंने कहा कि जब लोग मुझे आरोपित ही कर दिया तो इसकी जांच होनी चाहिए ताकि इस षड्यंत्र के पीछे छुपे लोगों का पर्दाफाश हो सके।
स्कूल स्थानांतरण की बात अब ग्रामीणों के लिए एक मुद्दा भी बन गया है। अगर यहां से विद्यालय को कहीं और ले जाया जाता है तो लगभग पांच किलोमीटर की दूरी बच्चों को तय कर जाना पड़ेगा। वैसे भी अमेहता पंचायत के अमेहता गांव में ही पहले से एक हाई स्कूल स्थित है। ग्रामीण कहते हैं कि एक ही जगह पर दो हाई स्कूल और कहीं एक भी नहीं ये कौन सी व्यवस्था है।
ग्रामीणों के लिए स्कूल का स्थानांतरण उनके नाक की लड़ाई बन गई है। इस के लिए वे सड़क तक उतरने के लिए तैयार हैं। वे ये भी कहते हैं कि अगर स्कूल यहां से कहीं और जाता है तो वे वोट बहिष्कार भी करेंगे।