कृषि विज्ञान केन्द्र (KVKs) के कर्मचारियों ने आरा में कलम बंद हड़ताल और प्रदर्शन किया

Report By: तारकेश्वर प्रसाद
आरा,बिहार : देशभर में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच आरा के कृषि विज्ञान केन्द्र (KVKs) के कर्मचारियों ने गुरुवार को “कलम बंद हड़ताल एवं प्रदर्शन” किया। यह आंदोलन फोरम ऑफ केवीके और AICRP के आह्वान पर सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक चला। इस दौरान कर्मचारियों ने अपने-अपने केन्द्रों पर एकत्र होकर बैनर और पोस्टर के साथ नारेबाजी की तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की भेदभावपूर्ण नीतियों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।
कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि परौदा उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के अनुरूप “वन नेशन, वन केवीके” नीति लागू की जाए और ICAR द्वारा गैर-ICAR केवीके कर्मचारियों के साथ किए जा रहे भेदभाव को समाप्त किया जाए। उनका आरोप है कि ICAR के अधीन कार्यरत KVK कर्मचारियों को वेतनमान, पदोन्नति और सेवा शर्तों में विशेष लाभ मिलता है जबकि गैर-ICAR संस्थानों जैसे BCKV, BAU, GADVASU, AAU आदि के कर्मचारियों को समान अवसर नहीं मिलते।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि समान कार्य करने के बावजूद उन्हें असमान वेतन दिया जा रहा है। 20 अगस्त 2024 के ICAR आदेश को स्थगित किए जाने के बावजूद उनके भत्ते और PF/NPS अंशदान बहाल नहीं किए गए। इसके अलावा CAS प्रमोशन नीति केवल ICAR केवीके कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है, जबकि गैर-ICAR केवीके कर्मचारियों को इससे वंचित रखा गया है।
कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ जैसे पेंशन, ग्रेच्युटी और समान सेवानिवृत्ति आयु का अधिकार नहीं दिया जाता। कई राज्यों में वेतन वितरण में 6 से 9 महीने तक की देरी रहती है जिससे कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
प्रदर्शनकारियों ने प्रशासनिक टकराव का मुद्दा भी उठाया। उनका कहना है कि जब होस्ट संस्थान कर्मचारियों को पदोन्नति देते हैं तो ICAR उनकी वेतन राशि रोक देता है। कर्मचारियों ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 38 व 39 (सामाजिक और आर्थिक न्याय) का उल्लंघन बताया।
इस विरोध प्रदर्शन ने स्पष्ट किया कि कृषि विज्ञान केन्द्रों के कर्मचारी लंबे समय से असमानता और भेदभाव की समस्या से जूझ रहे हैं और अब वे एकजुट होकर अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं।