पूर्व विधायक सरोज यादव का आक्रोश: बाढ़ पीड़ितों के न्याय की मांग पर भोजपुर में खोला मोर्चा

आरा (भोजपुर): भोजपुर जिले के आरा में गुरुवार को बाढ़ पीड़ितों की समस्याओं और प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ बड़ा आंदोलन देखने को मिला। राजद के पूर्व विधायक सरोज यादव ने समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना देकर जिला प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया।
धरना स्थल पर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद थे, जिन्होंने सरकार और जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप था कि बाढ़ प्रभावितों के नए नाम सूची में शामिल नहीं किए जा रहे हैं और कई परिवार अब तक मुआवजे से वंचित हैं।
पूर्व विधायक सरोज यादव ने आठ सूत्री मांगों को रखते हुए कहा कि बाढ़ में हुई मौतों पर प्रत्येक परिवार को 25-25 लाख रुपये मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही दाखिल-खारिज, इंदिरा आवास योजना और अंचल-प्रखंड स्तर पर हो रही अनियमितताओं पर रोक लगाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि कई पंचायतें बाढ़ प्रभावित होने के बावजूद सूची से बाहर कर दी गई हैं। यही नहीं, बाढ़ राहत राशि 2024 और 2025 दोनों वर्षों में भी पीड़ितों के खातों में नहीं पहुंची है।
धरने के दौरान सरोज यादव ने आरोप लगाया कि डीएसएलआर (उप समाहर्ता, भूमि सुधार) ने उनके साथ अभद्रता की है और लगातार उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि अगर 10 दिनों के भीतर डीएसएलआर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई नहीं होती है तो वे भोजपुर बंद का आह्वान करेंगे।
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धरना शुरू करने से पहले पूर्व विधायक ने आरा में जेपी स्मारक और डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डीएम कार्यालय का घेराव किया। भारी बारिश के बीच घंटों चले इस धरने के बाद प्रशासन की ओर से एसडीएम ने उनसे वार्ता की और आश्वासन दिया कि डीएसएलआर पर विभागीय पत्र लिखकर कार्रवाई की जाएगी।
धरना खत्म होने के बाद सरोज यादव ने कहा: “लोकतंत्र में जनता से बड़ा कोई नहीं है। अगर जनता के चुने हुए प्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार किया गया है तो यह जनता का अपमान है। अगर न्याय नहीं मिला तो भोजपुर बंद होगा और आने वाले विधानसभा चुनाव में जनता इसका हिसाब जरूर करेगी।”