वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितम्बर तक 26,149 करोड़ रुपये आबकारी राजस्व की प्राप्ति

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में माह सितम्बर तक प्रदेश को 26,149.32 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व प्राप्त हुआ है। यह आंकड़ा पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में इसी अवधि तक प्राप्त 22,563.15 करोड़ रुपये के सापेक्ष 15.89 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार प्रदेश को इस वर्ष अब तक 3,586.17 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है।
मंत्री ने बताया कि सितम्बर 2025 तक प्रदेश का आबकारी राजस्व लक्ष्य 27,600 करोड़ रुपये निर्धारित था, जिसके सापेक्ष 94.74 प्रतिशत राजस्व अर्जित किया जा चुका है। केवल माह सितम्बर, 2025 में ही प्रदेश को 3,811.70 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष सितम्बर 2024 में अर्जित 3,246.67 करोड़ रुपये की तुलना में 565.03 करोड़ रुपये अधिक है। यह वृद्धि 17.40 प्रतिशत की दर से दर्ज की गई है, जो प्रदेश की आर्थिक सुदृढ़ता और बेहतर राजस्व प्रबंधन का संकेत है।
राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि आबकारी विभाग न केवल राजस्व सृजन में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है बल्कि अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी के खिलाफ भी सख्त अभियान चला रहा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में माह अगस्त तक प्रदेश में कुल 50,097 अभियोग दर्ज किए गए हैं। इस अवधि में 13.30 लाख लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई है। अवैध कारोबार में संलिप्त 9,463 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 1,808 को जेल भेजा गया है। साथ ही 64 वाहनों को जब्त किया गया है जो अवैध मदिरा तस्करी में प्रयुक्त हो रहे थे।
माह सितम्बर, 2025 में भी विभाग की सख्त कार्रवाई जारी रही। इस महीने में प्रदेशभर में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी के कुल 9,717 अभियोग दर्ज किए गए। इस दौरान लगभग 2.58 लाख बल्क लीटर अवैध मदिरा बरामद की गई। 1,813 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और 332 को जेल भेजा गया, जबकि 15 वाहनों को जब्त किया गया।
आबकारी मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की सख्त नीति और बेहतर प्रशासनिक नियंत्रण के परिणामस्वरूप राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है और अवैध गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग आगे भी पारदर्शिता और दक्षता के साथ कार्य करते हुए राजस्व वृद्धि के साथ-साथ समाज में शुद्ध और सुरक्षित मदिरा उपभोग की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।