मिशन शक्ति-05 के तहत पुलिस अधीक्षक गाजीपुर ने मेडिकल कॉलेज में छात्राओं को किया जागरूक

Report By: आसिफ़ अंसारी
गाजीपुर : उत्तर प्रदेश सरकार के मिशन शक्ति अभियान (पाँचवाँ चरण) के तहत गाजीपुर पुलिस प्रशासन द्वारा महर्षि विश्वामित्र ऑटोनॉमस स्टेट मेडिकल कॉलेज में बुधवार को एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं और महिलाओं को उनके अधिकारों, सुरक्षा कानूनों, आत्मरक्षा के उपायों और सरकारी सहायता सेवाओं के बारे में जागरूक करना रहा।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ एसपी सिटी ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद और सीओ सिटी शेखर सेंगर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने महिला सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत जानकारी दी।
पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि —
“मिशन शक्ति केवल एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन का सशक्त संकल्प है। हर महिला को निर्भय होकर समाज में आगे बढ़ने का अधिकार है और पुलिस प्रशासन हर समय उनके साथ खड़ा है।”
उन्होंने छात्राओं से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की असुरक्षा या हिंसा की स्थिति में तुरंत हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करें और अपनी सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
कॉलेज के प्रधानाचार्य (प्रो०) डॉक्टर आनंद मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि —
“महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान किसी भी समाज की प्रगति का आधार है। इस तरह के कार्यक्रम छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उन्हें अपने अधिकारों के प्रति अधिक सजग बनाते हैं।”
कार्यक्रम में कॉलेज के शिक्षकों, छात्राओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। आत्मरक्षा के विभिन्न तरीकों का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे छात्राओं को आपात स्थिति में स्वयं की सुरक्षा करने के व्यावहारिक उपाय सीखने का अवसर मिला।
मिशन शक्ति (पाँचवाँ चरण) के तहत यह कार्यक्रम न केवल एक औपचारिक आयोजन रहा, बल्कि इसने महिला सशक्तिकरण, समानता और सुरक्षा के प्रति समाज में एक सशक्त संदेश भी दिया। कॉलेज परिसर में पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्साह और जोश का वातावरण रहा, जहाँ छात्राओं ने भी अपने विचार साझा किए और पुलिस अधिकारियों से संवाद किया।
इस पहल ने यह साबित किया कि पुलिस प्रशासन और शैक्षणिक संस्थान मिलकर जब काम करते हैं, तो समाज में सुरक्षा और सम्मान की भावना और अधिक सशक्त बनती है।