UP में शुरू होने जा रहा है Voter List का Mega ‘SIR’ Drive – Special Intensive Review से अब कोई भी नाम नहीं बचेगा Verification से! हर वोटर को करना होगा यह ज़रूरी काम, वरना लिस्ट से कट जाएगा नाम

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में चुनावी सरगर्मियां एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के बाद अब चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) ने राज्य में मतदाता सूची (Voter List) को और अधिक सटीक (Accurate), पारदर्शी (Transparent) और त्रुटिरहित (Error-Free) बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। चुनाव आयोग ने प्रदेश में जल्द ही SIR यानी Special Intensive Review की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। इस अभियान के ज़रिए राज्य के हर जिले, हर विधानसभा क्षेत्र और हर बूथ स्तर (Booth Level) पर मतदाता सूची की गहन समीक्षा की जाएगी ताकि आने वाले चुनावों से पहले सूची में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न रहे।
SIR प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में इसे विशेष महत्व दिया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र मतदाता (Eligible Voter) सूची से वंचित न रह जाए, वहीं जिन व्यक्तियों का नाम अब सूची में नहीं होना चाहिए — जैसे मृत व्यक्ति (Dead Voter), दो जगह पंजीकृत लोग (Duplicate Entry) या जिन्होंने अपना निवास स्थान बदल लिया है — उनके नाम समय पर हटा दिए जाएं। इस प्रक्रिया को बड़े पैमाने पर चलाया जाएगा ताकि मतदाता सूची पूरी तरह अपडेटेड (Updated) और सही हो।
चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक SIR प्रक्रिया अक्टूबर 2025 के मध्य में शुरू होगी। सबसे पहले प्रदेश के सभी जिलों में बूथ लेवल अधिकारियों (Booth Level Officers – BLO) को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये BLO अपने-अपने क्षेत्रों में घर-घर जाकर मतदाताओं से मुलाकात करेंगे, उनकी जानकारी (Name, Address, Age, Gender) को Verify करेंगे और किसी भी प्रकार की त्रुटि को सुधारने के लिए फॉर्म भरवाएंगे। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित होगी ताकि एक भी पात्र नागरिक छूट न पाए।
SIR प्रक्रिया की एक निर्धारित टाइमलाइन भी तय की गई है। अक्टूबर के मध्य में इसकी शुरुआत होगी। नवंबर 2025 में Draft Voter List (प्रारंभिक मतदाता सूची) प्रकाशित की जाएगी, जिसमें नागरिकों को अपने विवरण की जांच करने का मौका दिया जाएगा। दिसंबर 2025 तक आपत्तियां (Objections) और सुझाव (Claims & Objections) स्वीकार किए जाएंगे। इसके बाद जनवरी 2026 में अंतिम मतदाता सूची (Final Voter List) जारी की जाएगी। इस सूची का इस्तेमाल आगामी लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों में किया जाएगा।
हर मतदाता के लिए यह ज़रूरी होगा कि वह इस SIR प्रक्रिया के दौरान अपनी जानकारी की पुष्टि (Verification) करे। चुनाव आयोग ने इसके लिए तीन सुविधाजनक तरीके (Modes) प्रदान किए हैं — Online, Mobile App और Offline।
पहला तरीका है ऑनलाइन सत्यापन (Online Verification)। नागरिक www.nvsp.in पोर्टल पर जाकर अपने नाम की खोज (Search) कर सकते हैं। यदि कोई गलती मिलती है तो वे Form-8 के ज़रिए नाम, पता या किसी भी विवरण में सुधार कर सकते हैं। साथ ही, जिनका नाम सूची में नहीं है और जिन्होंने 1 जनवरी 2026 तक 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, वे Form-6 भरकर नया नामांकन करा सकते हैं।
दूसरा तरीका है मोबाइल एप्लिकेशन (Mobile Application) के ज़रिए सत्यापन। Voter Helpline App को Android और iOS दोनों प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप के माध्यम से नागरिक अपने विवरण को देख सकते हैं, त्रुटि को सुधार सकते हैं, नया नाम जोड़ सकते हैं या पुराने नाम हटवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह तरीका विशेष रूप से युवा और टेक-सेवी नागरिकों के बीच लोकप्रिय है।
तीसरा तरीका है ऑफलाइन सत्यापन (Offline Verification)। इसके तहत BLO सीधे घर-घर जाकर नागरिकों से जानकारी प्राप्त करेंगे। नागरिक BLO को आवश्यक दस्तावेज़ — जैसे आयु प्रमाण (Age Proof), पता प्रमाण (Address Proof), पहचान पत्र (ID Proof) आदि दिखाकर अपना नाम और विवरण सत्यापित कर सकते हैं। BLO द्वारा प्राप्त सभी सूचनाएं Digital Form में Election Commission के Database में अपलोड की जाएंगी।
SIR प्रक्रिया केवल नाम जोड़ने या हटाने तक सीमित नहीं है। इसमें कई अहम सुधारात्मक कार्य (Corrective Actions) भी शामिल हैं। उदाहरण के लिए, कई बार मतदाता सूची में किसी व्यक्ति का नाम गलत वर्तनी (Spelling Error) में दर्ज हो जाता है, उम्र गलत छप जाती है या पता अधूरा रहता है। इस प्रक्रिया में ऐसी सभी ग़लतियों को सुधारा जाएगा। इसके अलावा, जिन व्यक्तियों का नाम एक से अधिक जगह दर्ज है, उन Duplicate Entries को भी AI Based System के माध्यम से खोजकर हटाया जाएगा।
आयोग इस बार SIR में Digital Tools का भी बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहा है। BLO के मोबाइल एप्स में Geo-tagging की सुविधा होगी, जिससे Booth Boundaries और Addresses को सटीक रूप से मैप किया जा सकेगा। साथ ही, Artificial Intelligence आधारित Duplication Check System से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी नाम दो बार न जुड़ पाए। इस पूरी प्रक्रिया को Paperless और Fast बनाने के लिए Election Commission ने खास तकनीकी प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं।
राज्य के राजनीतिक गलियारों में भी SIR को लेकर हलचल मची हुई है। सभी राजनीतिक दलों की निगाहें इस अभियान पर टिकी हैं। कई दलों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है, क्योंकि इससे फर्जी वोटिंग (Bogus Voting) पर रोक लगेगी और सूची में केवल वास्तविक पात्र मतदाता ही रहेंगे। वहीं कुछ दलों ने यह आशंका भी जताई है कि अगर BLO स्तर पर लापरवाही हुई तो कुछ योग्य मतदाताओं के नाम गलती से सूची से कट सकते हैं। इस पर चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि किसी भी नागरिक का नाम बिना उचित कारण के सूची से नहीं हटाया जाएगा और सभी को अपनी जानकारी अपडेट करने का पूरा मौका दिया जाएगा।
हर नागरिक के लिए यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण है। अगर कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेता, अपनी जानकारी Verify नहीं करता या BLO से संपर्क नहीं करता, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है। इसका सीधा असर यह होगा कि आगामी चुनावों में वह मतदान (Voting) नहीं कर सकेगा। इसलिए आयोग ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे समय पर अपनी जानकारी जांचें, गलतियों को सुधारें और मतदान का अधिकार सुनिश्चित करें।
SIR प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए आयोग ने मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की मदद लेने का भी फैसला किया है। टीवी, रेडियो, अखबारों और डिजिटल मीडिया पर जागरूकता अभियान (Awareness Campaign) चलाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रक्रिया में भाग ले सकें। BLO को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में सक्रिय रहें और हर पात्र नागरिक तक पहुंचें।
भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में चुनाव तभी निष्पक्ष (Free & Fair) हो सकते हैं जब मतदाता सूची पूरी तरह सटीक हो। SIR इसी दिशा में एक निर्णायक कदम है। एक सटीक और त्रुटिरहित मतदाता सूची (Error-Free Electoral Roll) ही पारदर्शी चुनावों की नींव होती है। इस अभियान का सीधा फायदा उन लाखों नए मतदाताओं को मिलेगा जो पहली बार मतदान करने जा रहे हैं, साथ ही उन लोगों को भी जिनका नाम किसी कारणवश सूची में शामिल नहीं हो पाया था।
निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि SIR केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि लोकतंत्र को मज़बूत करने का एक सशक्त माध्यम है। यह हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह इस प्रक्रिया में हिस्सा ले और अपने नाम को मतदाता सूची में सुरक्षित (Secure) करे। अगर आपने अभी तक अपना नाम जांचा नहीं है, तो देर न करें — NVSP Portal पर जाएं, Voter Helpline App डाउनलोड करें या अपने BLO से संपर्क करें। याद रखें — “आपका वोट आपका अधिकार ही नहीं, लोकतंत्र की दिशा तय करने की ताकत भी है।”