रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में पत्नी के साथ पेश हुए आज़म ख़ान, यतीमखाना मामले में दर्ज कराया बयान

Report By : राहुल मौर्य
रामपुर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान बुधवार को अपनी पत्नी और पूर्व राज्यसभा सदस्य डॉक्टर तेज़ीन फ़ातिमा के साथ रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। यह पेशी यतीमखाना बस्ती से जुड़े मामले में हुई, जिसमें दोनों ने अदालत में अपने बयान दर्ज कराए।
कोर्ट से बाहर निकलने के बाद आज़म ख़ान ने मीडिया से बातचीत करते हुए रामपुर पुलिस प्रशासन और शासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर 2016 को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में यतीमखाना बस्ती का पूरा कब्ज़ा लिया गया था। इसके बाद डेढ़ से दो साल के भीतर स्क्रूटनी, अलॉटमेंट और आवास का निर्माण कर लाभार्थियों को दिए गए।
आज़म ख़ान ने बताया कि इसके तीन साल बाद 2019 में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने मकान तुड़वाए, भैंस-बकरी चुराईं और डकैती डाली। उन्होंने कहा कि “इल्ज़ाम चोरी का लगा, लेकिन धाराएं डकैती की लगा दी गईं। अब सवाल ये उठता है कि ऐसा कैसे हो गया — क्या यह किसी फरिश्ते ने कर दिया या किसी को अलादीन का चिराग मिल गया था?”
उन्होंने आगे कहा कि इसी केस में उन्हें 21 वर्ष की सज़ा और 36 लाख रुपये जुर्माने की सज़ा सुनाई गई। आज़म ख़ान का कहना है कि यह पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश का हिस्सा है।
यतीमखाना मामले के अलावा कोर्ट में उनके खिलाफ एक अन्य केस में भी सुनवाई हुई, जो स्कूल की एनओसी में कथित धोखाधड़ी से संबंधित है। आरोप है कि आज़म ख़ान ने अपने एक स्कूल के लिए फायर ब्रिगेड से एनओसी ली थी और उसी एनओसी को अपने तीन अन्य स्कूलों में भी इस्तेमाल किया। इस मामले की शिकायत 2019 में प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई थी और अब इसमें आरोप तय कर दिए गए हैं, जिसके बाद ट्रायल शुरू होगा।
आज़म ख़ान हाल ही में 23 अक्टूबर को जेल से रिहा हुए हैं और इसके बाद पहली बार रामपुर कोर्ट पहुंचे। पेशी के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने एक बार फिर प्रशासन पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है तथा सच जल्द सामने आएगा।





