एम्स गोरखपुर और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आशा, आंगनवाड़ी व एएनएम का एक दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित

Report By: राम चन्द्र कौशल
गोरखपुर : जंगल कौड़ियां क्षेत्र के बीआरसी सभागार में सोमवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) गोरखपुर, यूनिसेफ उत्तर प्रदेश स्टेट रिसोर्स सेंटर और न्यूट्रिशन एंड प्रोग्रेसिव फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में आशा, आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों और एएनएम (ANM) को छह माह से कम आयु के शिशुओं में कुपोषण की रोकथाम और उसके प्रबंधन से जुड़ी उपयोगी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने मातृ और शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। सीपीसी  सुरेश तिवारी, एपीसी  प्रवीण दुबे और डीपीएम आशुतोष मिश्रा ने प्रतिभागियों को बताया कि कुपोषण की समस्या केवल खाद्य कमी से नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी से भी जुड़ी होती है। उन्होंने सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त बनाने, माताओं को स्तनपान के प्रति जागरूक करने और बच्चों के विकास पर नियमित निगरानी रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सत्र के दौरान प्रतिभागियों को यह भी बताया गया कि छह माह से कम आयु के शिशुओं के लिए केवल माँ का दूध ही सर्वोत्तम पोषण का स्रोत है। साथ ही, माताओं को संतुलित आहार, स्वच्छता और समय पर टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने कुपोषण से जुड़े प्रारंभिक संकेतों की पहचान और समय रहते सही कदम उठाने के उपायों पर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर सहायक शोध अधिकारी विजेन्द्र सिंह, बीपीएम अशोक पाण्डेय, अमन सिंह, राजेश राय, अविनेश दुबे और बीएमसी दीपक शर्मा सहित कई स्वास्थ्य अधिकारी, कार्यकर्ता और प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की क्षमता को बढ़ाना और उन्हें आधुनिक स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी जानकारियों से सशक्त करना रहा। इससे न केवल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा, बल्कि समुदाय में कुपोषण मुक्त समाज की दिशा में ठोस कदम भी बढ़ेंगे।
				




