मुख्यमंत्री योगी का बड़ा फैसला — नॉन-हाइब्रिड धान कुटाई पर 1% रिकवरी छूट से किसानों और मिलर्स को मिलेगा लाभ

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में राज्य सरकार ने किसानों और राइस मिलर्स के हित में एक बड़ा निर्णय लिया है। अब नॉन-हाइब्रिड धान की कुटाई पर 1% रिकवरी छूट दी जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 13 से 15 लाख किसानों और 2000 से अधिक राइस मिलर्स को सीधा लाभ मिलेगा।
राज्य सरकार के इस कदम से प्रदेश में धान की खरीद और प्रसंस्करण प्रक्रिया और तेज़ होने की उम्मीद है। छूट लागू होने के बाद मिलर्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे किसानों को बेहतर दर पर भुगतान और समय पर खरीद सुनिश्चित हो सकेगी।
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि राइस मिलों को ₹167 करोड़ की प्रतिपूर्ति दी जाएगी ताकि उन्हें वित्तीय राहत मिल सके। इस निर्णय से न केवल मिलिंग प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि प्रदेश में लगभग 2 लाख रोजगार अवसर भी सुदृढ़ होंगे।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, इस नीति से निवेश को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। अब तक हाइब्रिड धान की कुटाई पर 3% रिकवरी छूट पहले से लागू थी, जिसके तहत सरकार हर वर्ष लगभग ₹100 करोड़ की प्रतिपूर्ति करती है। अब नॉन-हाइब्रिड धान को भी इस लाभ के दायरे में शामिल कर राज्य सरकार ने किसानों और मिलर्स के हित में समान अवसर सुनिश्चित किए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से राष्ट्रीय स्तर पर भी बचत होगी, क्योंकि अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के लिए बाहर से चावल की रैक मंगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। प्रदेश में ही पर्याप्त चावल उपलब्ध हो सकेगा, जिससे लागत घटेगी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय को कृषि सुधारों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा, मिलर्स को राहत और राज्य की खाद्य आपूर्ति प्रणाली और भी प्रभावी बनेगी।
				




