भोजपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच भीषण भिड़ंत, पथराव में आधा दर्जन पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त

Report By: तारकेश्वर प्रसाद,
भोजपुर जिले के चौरी थाना क्षेत्र के दुल्लमचक गांव में शुक्रवार की सुबह पुलिस और ग्रामीणों के बीच भीषण टकराव हो गया। मामूली विवाद के बाद शुरू हुई नोकझोंक देखते ही देखते हिंसक रूप ले ली। आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस दल पर ईंट-पत्थरों से हमला बोल दिया, जिससे आधा दर्जन से अधिक पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। घटना में एक दारोगा और चौकीदार घायल हुए हैं। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और प्रशासन पूरी स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना शुक्रवार की सुबह उस वक्त हुई जब गांव में दो संदिग्ध युवकों की मौजूदगी को लेकर अफवाह फैल गई। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने गुलजारपुर के दो युवकों को हथियारों के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ा। इसके बाद ग्रामीणों ने उन्हें पकड़कर पिटाई शुरू कर दी।
इसी बीच घटना की सूचना चौरी थाना पुलिस को मिली। पुलिस दल तत्काल मौके पर पहुंचा और भीड़ के कब्जे से संदिग्धों को छुड़ाने की कोशिश करने लगा। लेकिन इसी दौरान ग्रामीणों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने संदिग्धों को बचाने और उन्हें भागने का मौका देने की कोशिश की। इस बात से गुस्साए ग्रामीणों ने पुलिस दल को निशाना बनाते हुए भारी पथराव कर दिया। अचानक हुए इस हमले में पुलिस की छह गाड़ियाँ क्षतिग्रस्त हो गईं और कई वाहनों के शीशे चकनाचूर हो गए। कुछ निजी वाहनों को भी नुकसान पहुंचा।
पथराव की चपेट में आने से एक दारोगा और चौकीदार घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
हमले की सूचना मिलते ही एसडीपीओ के.के. सिंह के नेतृत्व में आसपास के कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। अतिरिक्त बल की मदद से पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।
अधिकारियों के अनुसार, झड़प के दौरान अफरातफरी का फायदा उठाकर दोनों संदिग्ध युवक फरार हो गए। बाद में पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया और एक देसी पिस्तौल बरामद की है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को मतदान के दौरान भी दुल्लमचक गांव में चुनावी रंजिश को लेकर दो पक्षों में झड़प हुई थी। उसी तनावपूर्ण माहौल में शुक्रवार को यह घटना हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने पहले दिन की घटना में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया था, जिसके चलते गांव में लोगों का गुस्सा भड़क गया था।
भोजपुर के पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ग्रामीणों ने कानून को हाथ में लिया, जिसके कारण यह स्थिति बनी। पुलिस के अनुसार, वे केवल संदिग्धों को भीड़ की हिंसा से बचाने पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया।
पुलिस ने इस मामले में कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें सरकारी कार्य में बाधा डालने, तोड़फोड़ करने और हमला करने की धाराएँ शामिल हैं।
वर्तमान में गांव में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है। प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है और फ्लैग मार्च भी किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। अधिकारियों और स्थानीय नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच संवाद स्थापित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं ताकि गांव में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।





