दिल्ली में नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव में यूपी के मंत्री ए.के. शर्मा ने प्रस्तुत किया शहरी विकास मॉडल

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क
लखनऊ : नई दिल्ली में आयोजित नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव के दूसरे दिन उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने सक्रिय भागीदारी करते हुए प्रदेश में हो रहे शहरी विकास के कार्यों की दिशा और उपलब्धियों को देशभर के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता रही, साथ ही भारत सरकार के राज्य मंत्री टोकन साहू, मंत्रालय के सचिव, विभिन्न राज्यों के अधिकारी, बैंक प्रतिनिधि और शहरी विकास क्षेत्र के विशेषज्ञ भी उपस्थित थे।
मंत्री शर्मा ने अपने संबोधन में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के नगर ‘विकसित भारत’ का चेहरा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहरी प्रबंधन केवल प्रशासनिक विषय नहीं, बल्कि यह जनभागीदारी, तकनीक और नवाचार का सम्मिलित प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीते कुछ वर्षों में नगर विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं, जो देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं।
शर्मा ने लखनऊ में चल रहे ऐतिहासिक कार्यों का विशेष उल्लेख करते हुए बताया कि शिवरी कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट अब वैश्विक स्तर पर सफलता की मिसाल बन गया है। यहाँ 60 वर्षों से जमा 20 लाख टन कूड़े में से तीन-चौथाई से अधिक को प्रोसेस कर उपयोगी वस्तुएँ बनाई गई हैं। साथ ही 21 एकड़ भूमि को खाली कर वहाँ सुंदर पार्क, कार्यालय भवन और मीटिंग हॉल का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ महीनों में शेष अपशिष्ट भी पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा।

इसी तरह लखनऊ के घैला क्षेत्र में वर्षों से जमा 7 लाख टन कूड़े को हटाकर “अटल प्रेरणा पार्क” और “यूपी दर्शन पार्क” का निर्माण किया गया है। यहाँ से निकले आरडीएफ (Refuse Derived Fuel) को सीमेंट फैक्टरियों में उपयोग किया जा रहा है, जबकि कंपोस्ट खाद किसानों को दी जा रही है। मंत्री ने बताया कि अब लखनऊ “जीरो डेली वेस्ट” की दिशा में अग्रसर है और शहर में अब कूड़े के पहाड़ नहीं बनेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रयागराज और आगरा सहित अन्य नगरों में भी अपशिष्ट प्रबंधन और शहरी सौंदर्यीकरण पर विशेष कार्य किए गए हैं। प्रयागराज में “शिवालय पार्क” नामक नया पार्क उन्हीं कूड़े के ढेरों की जगह पर बनाया गया है, जहाँ कभी अपशिष्ट का पहाड़ था। इन जगहों पर मियावाकी वन और हरित पार्क बनाकर शहरों को स्वच्छ और पर्यावरणीय दृष्टि से सशक्त बनाया जा रहा है।
मंत्री शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के माध्यम से भी कई नवीन परियोजनाएँ सफलतापूर्वक लागू की जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार अन्य विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय कर चुनौतियों का प्रभावी प्रबंधन कर रही है, जिससे विकास की गति और तेज हुई है।
शर्मा के विचारों को कॉन्क्लेव में उपस्थित सभी विशेषज्ञों, अधिकारियों और बैंकरों ने सराहा। विशेष रूप से शहरी निकायों को सशक्त बनाने और उन्हें स्थानीय स्तर पर सर्वोच्च संस्था के रूप में विकसित करने के उनके सुझाव को भी व्यापक समर्थन मिला।
कॉनक्लेव के दौरान उत्तर प्रदेश की नीतियों, अपशिष्ट प्रबंधन में तकनीक के उपयोग, और नागरिक भागीदारी से जुड़े नवाचारों की सर्वत्र प्रशंसा की गई। सभी उपस्थित विशेषज्ञों ने माना कि उत्तर प्रदेश अब शहरी विकास का एक सशक्त मॉडल बनकर उभर रहा है, जो आने वाले समय में देशभर के लिए प्रेरणा बनेगा।





