गाजीपुर: एपीओ अनंत कुमार सिंह पर लगा ग्राम प्रधानों से कमीशन लेने का आरोप

Report By : आसिफ़ अंसारी
गाजीपुर जिले से एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां ब्लॉक जखनिया और ब्लॉक सदर में संयुक्त रूप से कार्य कर रहे एपीओ अनंत कुमार सिंह पर ग्राम प्रधानों से कमीशन लेने का गंभीर आरोप लगा है। यह आरोप ग्राम प्रधान कमलेश चौहान द्वारा सार्वजनिक रूप से लगाए गए हैं, जिसके बाद क्षेत्रीय पंचायतों में हड़कंप मचा हुआ है।
ग्राम प्रधान कमलेश चौहान का आरोप है कि ब्लॉक जखनिया में होने वाले हर सरकारी कार्य पर एपीओ अनंत कुमार सिंह की ओर से कमीशन देने की मांग की जाती है। कमलेश चौहान के अनुसार, जब वह किसी विकास कार्य की फाइल या भुगतान प्रक्रिया ब्लॉक में लेकर जाते हैं, तो एपीओ की ओर से पहले कमीशन की मांग होती है।
प्रधान ने बताया कि यदि कमीशन न दिया जाए तो कार्य पास नहीं किया जाता और खुले तौर पर धमकी दी जाती है कि बिना पैसा दिए कोई फाइल आगे नहीं बढ़ेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि कमीशन की यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन भुगतान के जरिए की जाती है, जिसके प्रमाण उनके पास मौजूद हैं।
ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का हवाला, कार्रवाई की मांग तेज
सूत्रों के अनुसार, ग्राम प्रधान ने यह भी बताया कि उनके पास ऐसे कई भुगतान के डिजिटल सबूत मौजूद हैं, जो सीधे आयोगीन अधिकारी की ओर इशारा करते हैं। यह मामला सामने आने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आक्रोश फैल गया है और स्थानीय लोगों ने ऐसे भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

ब्लॉक जखनिया और ब्लॉक सदर दोनों क्षेत्रों के प्रधानों का कहना है कि विकास कार्यों में देरी का सबसे बड़ा कारण यही जबरन कमीशन प्रथा है। इस वजह से ग्रामीण विकास योजनाओं का समय पर क्रियान्वयन भी बाधित हो रहा है।
स्थानीय प्रशासन पर सवाल
अब मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन पर यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने दिनों से इस तरह के आरोपों और भुगतान की प्रक्रिया पर किसी अधिकारी की नजर क्यों नहीं पड़ी। ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त और तत्काल कार्रवाई की जाए।
ग्राम प्रधानों का एकजुट होना
कई अन्य ग्राम प्रधान भी सामने आ रहे हैं और उन्होंने बताया कि यह समस्या काफी समय से जारी है, लेकिन डर के कारण कोई खुलकर बोल नहीं रहा था। कमलेश चौहान द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद अन्य प्रधान भी खुलकर आवाज़ उठाने लगे हैं।
यह मामला अब क्षेत्र में चर्चा का केंद्र बन गया है और ग्रामीण स्तर की भ्रष्टाचार व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों, प्रधानों और जनप्रतिनिधियों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कार्रवाई कर विकास कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।





