नगरीय विकास में विश्वस्तरीय मानकों को अपनाकर ‘ईज ऑफ लिविंग’ का रोल मॉडल बनेगा उत्तर प्रदेश

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
लखनऊ : उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लक्ष्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार जिस विजन पर काम कर रही है, उसका प्रमुख आधार ‘ईज ऑफ लिविंग’ को बढ़ाना है। सरकार का मानना है कि जिस प्रकार प्रदेश ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ में सफल मॉडल बन चुका है, उसी प्रकार नागरिकों के जीवन को आसान, सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए भी राज्य को नई दिशा दी जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘ईज ऑफ लिविंग’ को उत्तर प्रदेश का नया मानक बताते हुए इसे प्रदेश के समग्र विकास का आधार मानते हैं। इसी सोच के अनुरूप आधुनिक, तकनीक-आधारित और पर्यावरण समावेशी अवसंरचना का विकास तेज गति से किया जा रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश निकट भविष्य में वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
सरकार का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों का विकास वैश्विक मानकों के अनुरूप हो और हर नागरिक तक सेवाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव के पहुंचे। नगरीय क्षेत्रों को किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्तंभ माना जाता है, इसलिए इन क्षेत्रों को सुदृढ़ बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसी उद्देश्य के लिए राज्य सरकार ने स्टेकहोल्डर्स के सुझावों को शामिल करते हुए एक व्यापक और दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया है, जिसके आधार पर भविष्य के शहरों का ढांचा तैयार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार नगरों को आधुनिक, सुरक्षित और समावेशी बनाने के लिए तेजी से योजनाओं को लागू कर रही है। बेहतर आवास, स्वच्छ पेयजल, अत्याधुनिक सार्वजनिक स्थान, सहज यातायात, ठोस कचरा प्रबंधन, उत्तम प्रकाश व्यवस्था, पार्क और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्मार्ट सिटी मिशन को और आगे बढ़ाते हुए नगर निकायों की क्षमता वृद्धि पर भी कार्य हो रहा है, ताकि वे भविष्य की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकें। सरकार यह सुनिश्चित करने में लगी है कि बढ़ती आबादी का दबाव संभालने के साथ-साथ शहर आर्थिक अवसरों, निवेश और गुणवत्तापूर्ण जीवन स्तर को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
इसी क्रम में राज्य में कुशल और सुविधाजनक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था विकसित की जा रही है। मेट्रो रेल का विस्तार, बस सेवाओं का आधुनिकीकरण, ई-वाहनों को प्रोत्साहन और जाम-मुक्त सड़क व्यवस्था जैसी परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम तथा रोपवे जैसे नए परिवहन साधनों को भी लागू किया जा रहा है। सरकार का मानना है कि बेहतर परिवहन व्यवस्था न सिर्फ आम नागरिकों की जरूरतों को आसान बनाती है, बल्कि उद्योग, निवेश और व्यापार को भी गति देती है।
इसके साथ ही सरकार पर्यावरण संरक्षण को विकास का अनिवार्य हिस्सा मानते हुए ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है। ऊर्जा दक्ष इमारतों, ग्रीन कॉरिडोर, जल संरक्षण संरचनाओं और प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्राथमिकता दी जा रही है। लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश के शहर पर्यावरणीय संतुलन, आर्थिक सुदृढ़ता और उच्च जीवन स्तर के आदर्श मॉडल बनकर देश के सामने मिसाल पेश करें।
विश्वस्तरीय मानकों पर आधारित इस नई विकास दृष्टि के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ के सपने को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है और शहरी जीवन को आधुनिक, सुरक्षित और सुगम बनाने की दिशा में ठोस व प्रभावी कदम उठा रही है।





