रहमतगंज में दिखा जहरीला सर्प, वन विभाग की टीम ने किया सफल रेस्क्यू (Rescue), ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

Report By : राहुल मौर्य
मसवासी (रामपुर) : काशीपुर मार्ग स्थित रहमतगंज गांव में गुरुवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों ने गांव के बहारी छोर स्थित मंदिर परिसर के पास एक जहरीले सर्प (Poisonous Snake) को देखा। अचानक दिखाई दिए इस खतरनाक सर्प ने कुछ ही मिनटों में पूरे इलाके में दहशत का माहौल बना दिया। ग्रामीणों में अफरा-तफरी फैल गई और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर हटने लगे। जानकारी के अनुसार, यह सर्प ऐसे स्थान पर मौजूद था जहां से ग्रामीणों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों का आना-जाना लगातार रहता है, जिससे संभावित खतरा और भी बढ़ गया था। कई ग्रामीणों ने सर्प को पकड़ने के प्रयास (Attempt) किए, लेकिन उसकी विषैली प्रकृति (Venomous Nature) और तेज़ी के कारण कोई भी उसे नियंत्रित नहीं कर सका।
घटना की सूचना जल्द ही नजदीकी लोगों के बीच फैली और उन्होंने एहतियातन इस मामले की जानकारी वन विभाग (Forest Department) को दी। कुछ ही देर में विभाग के कर्मचारी शकील अहमद और हरिश्चंद्र अपनी रेस्क्यू किट (Rescue Kit) के साथ मौके पर पहुंच गए। दोनों ने पहले इलाके का बारीकी से निरीक्षण किया और फिर सावधानीपूर्वक सर्प को खोजने की प्रक्रिया शुरू की। सर्प मंदिर की दीवार के सहारे पेड़ की जड़ों के पास छिपा हुआ था, जिसे ढूंढना ग्रामीणों के लिए बेहद कठिन साबित हो रहा था। लेकिन प्रशिक्षित वन कर्मियों ने बिना किसी जोखिम (Risk) के उसे पकड़ने की रणनीति (Strategy) अपनाई।
सर्प पकड़ने का पूरा ऑपरेशन (Operation) करीब 15 से 20 मिनट तक चला, जिसमें वन विभाग की टीम ने अपनी विशेषज्ञता और संयम का परिचय देते हुए खतरनाक सर्प को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया। यह रेस्क्यू न सिर्फ तकनीकी कौशल का उदाहरण था, बल्कि ग्रामीणों के लिए राहत की बड़ी वजह भी बन गया। जैसे ही सर्प को सुरक्षित बॉक्स में बंद किया गया और टीम उसे साथ लेकर रवाना हुई, पूरा गांव चैन की सांस लेता हुआ नजर आया। ग्रामीणों ने कर्मियों की तत्परता (Promptness) और पेशेवर कार्य प्रणाली (Professional Approach) की सराहना की।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सर्प बेहद जहरीला (Highly Venomous) प्रतीत हो रहा था और यदि यह किसी के संपर्क में आता तो गंभीर खतरा पैदा कर सकता था। कई लोगों ने बताया कि हाल के दिनों में गांव के आसपास जंगली जीवों (Wildlife) की आवाजाही बढ़ी है, जिसकी वजह पर्यावरणीय परिवर्तन (Environmental Change), बढ़ते निर्माण कार्य (Construction Activity), और प्राकृतिक आवास में कमी (Habitat Loss) मानी जा रही है। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को जागरूक करते हुए कहा कि किसी भी जंगली जंतु (Wild Animal), विशेषकर सर्प, को स्वयं पकड़ने का प्रयास न करें। ऐसा करते समय जान का खतरा होता है और यह वन्यजीव संरक्षण कानून (Wildlife Protection Act) के भी खिलाफ है।
टीम के अनुसार, पकड़े गए सर्प को सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा, जहां वह मानव बस्तियों से दूर रह सके। वन कर्मियों ने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी को भी भविष्य में ऐसा कोई जीव दिखाई दे तो तुरंत विभाग को सूचना (Information) दें। बिना प्रशिक्षण के किए गए प्रयास कई बार बड़े हादसों (Accidents) को जन्म दे सकते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सर्प की मौजूदगी ने उन्हें पूरी रात बेचैन कर दिया था, क्योंकि गांव में बच्चे खुले में खेलते हैं और लोग खेतों में काम करने जाते हैं। इसलिए वन विभाग की त्वरित कार्रवाई (Quick Action) ग्रामीणों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई।
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में चर्चा रही कि परंपरागत मान्यताओं और अज्ञानता (Superstitions & Unawareness) के चलते लोग अक्सर सर्पों को मारने की कोशिश करते हैं, जबकि वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि सर्प पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और चूहों जैसी हानिकारक प्रजातियों को नियंत्रित रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। साथ ही, ग्रामीणों ने यह भी माना कि यदि जानकारी तुरंत न दी जाती तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।
गांव के लोग इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) की वजह से अब सामान्य जीवन में लौट रहे हैं। वन विभाग की टीम समय-समय पर गांवों में जागरूकता कार्यक्रम (Awareness Program) भी चलाने की योजना बना रही है, जिसमें लोगों को बताया जाएगा कि सर्प से कैसे बचें, क्या करें और क्या न करें, तथा संकट के समय विभाग से कैसे संपर्क करें। ग्रामीणों ने आग्रह किया है कि ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएं ताकि भविष्य में किसी भी आपात स्थिति से निपटने में मदद मिल सके।
अंत में, यह घटना इस बात का प्रमाण है कि समय पर दी गई जानकारी और विशेषज्ञों की त्वरित कार्यवाही किसी भी संभावित खतरे को टाल सकती है। रहमतगंज में आज वन विभाग की यह कार्रवाई ग्रामीणों के लिए सुरक्षा (Safety) और विश्वास (Trust) की मजबूत मिसाल बनकर सामने आई है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में वन विभाग के प्रति सम्मान और विश्वास और भी बढ़ गया है।





