बाराबंकी की ‘मधुमक्खीवाला’ स्टार्ट-अप को ग्लोबल पहचान, न्यूज़ीलैंड प्रतिनिधि दल के निरीक्षण से खुले अंतरराष्ट्रीय निर्यात के रास्ते

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन और उत्तर प्रदेश सरकार की दूरदर्शी स्टार्ट-अप प्रोत्साहन नीतियों (Startup Promotion Policies) के सकारात्मक परिणाम अब वैश्विक स्तर पर स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगे हैं। इसका ताज़ा उदाहरण बाराबंकी जिले की ‘मधुमक्खीवाला’ नामक शहद उत्पादक स्टार्ट-अप फर्म है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। जिले के राजौली गांव से संचालित इस स्टार्ट-अप का निरीक्षण करने न्यूज़ीलैंड के प्राइमरी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री (Primary Industries Ministry) के प्रतिनिधि दल ने दौरा किया और प्राकृतिक शहद उत्पादन की आधुनिक तकनीकों की खुलकर सराहना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार (Self Employment) और उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई विभिन्न योजनाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार और आर्थिक आत्मनिर्भरता को नया आयाम दिया है। इसी क्रम में बाराबंकी के युवा उद्यमी निमित सिंह द्वारा संचालित ‘मधुमक्खीवाला’ स्टार्ट-अप आज सिर्फ एक व्यवसाय नहीं, बल्कि ग्रामीण आजीविका, सामुदायिक विकास और पर्यावरण संरक्षण (Environment Conservation) का सफल मॉडल बनकर उभरा है।

न्यूज़ीलैंड के प्राइमरी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के प्रतिनिधि ईशन जयवर्धने (Ishan Jayawardhane) और कृषि व प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीईडीए (APEDA) के रीजनल हेड संदीप साहा के नेतृत्व में आए प्रतिनिधि दल ने बाराबंकी स्थित मधुमक्खीवाला फार्म का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान प्रतिनिधियों ने मधुमक्खी पालन (Beekeeping) की तकनीक, शहद निष्कर्षण की प्रक्रिया और गुणवत्ता नियंत्रण के मानकों को बारीकी से परखा। बिना गर्मी, बिना रसायन और बिना किसी मिलावट के तैयार किए जा रहे प्राकृतिक शहद को उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों (International Quality Standards) के अनुरूप बताया।

प्रतिनिधि दल ने माना कि मधुमक्खीवाला फर्म द्वारा अपनाई गई पद्धतियां न केवल आधुनिक हैं, बल्कि सतत विकास (Sustainable Development) के सिद्धांतों पर आधारित हैं। ईशन जयवर्धने ने कहा कि यह स्टार्ट-अप पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के साथ ही स्थानीय समुदायों को रोजगार और स्थायी आय का अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मधुमक्खीवाला के शहद उत्पादों को वैश्विक बाजार (Global Market) में ब्रांडिंग और बिक्री के लिए आवश्यक सहयोग दिया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान सरसों, मल्टीफ्लोर, यूकेलिप्टस, अजवाइन, नीम और जामुन जैसे विविध प्राकृतिक स्रोतों से तैयार शहद की गुणवत्ता को विशेष रूप से सराहा गया। प्रतिनिधि दल ने संकेत दिया कि इन शहद उत्पादों को न्यूज़ीलैंड के प्रसिद्ध जीआई टैग (GI Tag) वाले मनुका हनी (Manuka Honey) की तरह अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे। यह पहल भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) के संदर्भ में भी अहम मानी जा रही है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग (Horticulture Department) के उप निदेशक सहित कई अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने मधुमक्खीवाला से जुड़े सामुदायिक शहद उत्पादकों और जिले के अन्य बी-कीपर्स को उत्पादन गुणवत्ता सुधार, पैकेजिंग (Packaging) और निर्यात मानकों (Export Standards) से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। अधिकारियों ने कहा कि यदि स्थानीय उत्पादक मिलकर गुणवत्ता और ब्रांडिंग पर ध्यान दें, तो उत्तर प्रदेश का शहद अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक मजबूत पहचान बना सकता है।

मधुमक्खीवाला फर्म के संस्थापक निमित सिंह ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में सीमित संसाधनों के साथ इस स्टार्ट-अप की शुरुआत की थी। शुरुआती दौर में चुनौतियां जरूर थीं, लेकिन वर्ष 2017 के बाद उत्तर प्रदेश में बने सकारात्मक उद्यमी माहौल (Entrepreneurial Ecosystem) ने उनके प्रयासों को नई दिशा दी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (CM Self Employment Scheme), मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना (CM Yuva Udyami Yojana), प्रदेश उद्यान विभाग और पीएमईएमई योजना (PMFME Scheme) से मिले सहयोग ने उनके व्यवसाय को सशक्त बनाया।

निमित सिंह ने यह भी बताया कि उनके नवाचार और सामाजिक योगदान को पहले भी कई मंचों पर सम्मान मिल चुका है। राजभवन में गवर्नर अवॉर्ड (Governor Award) से सम्मानित होने के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में उनके प्रयासों का उल्लेख किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि एपीईडीए और न्यूज़ीलैंड के साथ मिलकर होने वाला यह सहयोग उत्तर प्रदेश के स्थानीय उत्पादों (Local Products) को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में एक निर्णायक भूमिका निभाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह निरीक्षण कार्यक्रम भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच कृषि, मधुमक्खी पालन और शहद निर्यात (Honey Export) में सहयोग को नई गति देगा। साथ ही यह उत्तर प्रदेश के अन्य उद्यमियों के लिए भी प्रेरणा बनेगा कि सही नीति समर्थन और नवाचार के बल पर वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाई जा सकती है।

Mukesh Kumar

मुकेश कुमार पिछले 3 वर्ष से पत्रकारिता कर रहे है, इन्होंने सर्वप्रथम हिन्दी दैनिक समाचार पत्र सशक्त प्रदेश, साधना एमपी/सीजी टीवी मीडिया में संवाददाता के पद पर कार्य किया है, वर्तमान में कर्मक्षेत्र टीवी वेबसाईट में न्यूज इनपुट डेस्क पर कार्य कर रहे है !

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