लखनऊ के ऐतिहासिक यहियागंज गुरुद्वारे का 2 करोड़ रुपये से होगा पर्यटन विकास, सिख विरासत को मिलेगा नई पहचान

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
उत्तर प्रदेश : राजधानी लखनऊ में स्थित सिख धर्म से जुड़ा ऐतिहासिक यहियागंज गुरुद्वारा (Yahiyaganj Gurudwara) जल्द ही आधुनिक सुविधाओं और सौंदर्यीकरण के साथ नए स्वरूप में नजर आएगा। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग (Uttar Pradesh Tourism Department) द्वारा इस गुरुद्वारे के पर्यटन विकास के लिए 2 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करेगी, बल्कि लखनऊ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान (Cultural Heritage) को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र (Tourism Map) पर प्रमुख स्थान दिलाने में सहायक साबित होगी।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Jayveer Singh) ने जानकारी देते हुए बताया कि यहियागंज गुरुद्वारा सिखों के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर साहिब (Guru Tegh Bahadur Sahib) और दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी (Guru Gobind Singh Ji) की पावन स्मृतियों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इसका संरक्षण एवं पर्यटन विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राज्य सरकार की समावेशी पर्यटन नीति (Inclusive Tourism Policy) का हिस्सा है, जिसमें सभी धर्मों और सांप्रदायिक आस्थाओं का समान रूप से सम्मान किया जाता है।
पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष 2025-26 (Financial Year 2025-26) के तहत मुख्यमंत्री पर्यटन स्थलों के विकास मद (Chief Minister Tourism Development Scheme) से 2 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस धनराशि का उपयोग गुरुद्वारे के ऐतिहासिक स्वरूप को अक्षुण्ण रखते हुए आधुनिक पर्यटन सुविधाएं (Modern Tourist Facilities), सौंदर्यीकरण (Beautification), श्रद्धालुओं के लिए आधारभूत सुविधाएं और सुगम पहुंच व्यवस्था (Accessibility Infrastructure) विकसित करने में किया जाएगा, ताकि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।
यहियागंज गुरुद्वारा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और शैक्षणिक दृष्टि से भी अत्यंत समृद्ध है। गुरुद्वारे के भीतर स्थित आर्ट गैलरी (Art Gallery) में सिख इतिहास (Sikh History) और गुरुओं के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं को चित्रों और दस्तावेजों के माध्यम से दर्शाया गया है। यह गैलरी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करती है और उन्हें सिख धर्म की गौरवशाली परंपरा से परिचित कराती है।
गुरुद्वारे में सुरक्षित रखे गए ऐतिहासिक धरोहरों में गुरु तेग बहादुर साहिब और गुरु गोबिंद सिंह जी द्वारा हस्ताक्षरित दो हुक्मनामे (Hukamnama) तथा श्री गुरु ग्रंथ साहब (Shri Guru Granth Sahib) की एक दुर्लभ हस्तलिखित प्रति शामिल है। विशेष बात यह है कि इस पवित्र ग्रंथ के आरंभ में स्वयं गुरु तेग बहादुर साहिब द्वारा मूल मंत्र लिखा गया है। यह अनमोल विरासत न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सिख इतिहास में रुचि रखने वाले शोधकर्ताओं और युवाओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पर्यटन विकास परियोजना के तहत गुरुद्वारे के आसपास के क्षेत्र का भी समग्र विकास किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं की सुविधा में बढ़ोतरी होगी। यहां आने वाले पर्यटक चारबाग रेलवे स्टेशन (Charbagh Railway Station), चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (Chaudhary Charan Singh International Airport) या शहर के किसी भी हिस्से से सड़क मार्ग (Road Connectivity) द्वारा आसानी से पहुंच सकेंगे। बेहतर संकेतक (Signage), पार्किंग सुविधाएं और स्वच्छता व्यवस्थाएं विकसित किए जाने की योजना भी इसमें शामिल है।
विशेष अवसरों जैसे प्रकाशोत्सव (Prakash Parv) और गुरुपर्व (Gurupurab) के दौरान यहियागंज गुरुद्वारे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। इन आयोजनों में भजन-कीर्तन (Kirtan), धार्मिक प्रवचन और लंगर (Langar) जैसी परंपराएं सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश देती हैं। सरकार का लक्ष्य है कि ऐसे आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें और पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिले।
प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात (Amit Abhijat) ने कहा कि राज्य सरकार की पर्यटन विकास नीति (Tourism Development Policy) का उद्देश्य ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure Development) और आधुनिक सुविधाओं से जोड़ना है। यहियागंज गुरुद्वारा लखनऊ की साझा सांस्कृतिक विरासत (Shared Cultural Legacy) और सामाजिक सौहार्द का जीवंत उदाहरण है। इसके विकास से न केवल धार्मिक पर्यटन (Religious Tourism) को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था (Local Economy) और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
सरकार का मानना है कि इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद यहियागंज गुरुद्वारा उत्तर भारत के प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों (Major Sikh Religious Sites) में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करेगा। साथ ही यह लखनऊ को धार्मिक, सांस्कृतिक और विरासत पर्यटन (Heritage Tourism) के केंद्र के रूप में और अधिक सशक्त बनाएगा।





