अवैध शराब माफियाओं पर योगी सरकार का सबसे बड़ा प्रहार, 18.5 लाख लीटर बरामद कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क ध्वस्त

Report By : कर्मक्षेत्र टीवी डेस्क टीम
उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ सरकार ने जनसुरक्षा (Public Safety) और कानून व्यवस्था (Law and Order) को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अवैध शराब (Illegal Liquor) और मादक द्रव्यों के खिलाफ अब तक का सबसे व्यापक और सख्त अभियान चलाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में शराब माफियाओं (Liquor Mafia) और तस्करों के लिए अब कोई जगह नहीं बची है। सख्त नीतियों, संयुक्त प्रवर्तन प्रणाली (Joint Enforcement System) और निरंतर निगरान के चलते अवैध शराब के पूरे नेटवर्क पर करारी चोट की गई है, जिससे न सिर्फ अपराधियों के हौसले पस्त हुए हैं बल्कि आमजन में सुरक्षा का भरोसा भी मजबूत हुआ है।
आबकारी विभाग (Excise Department) द्वारा वित्तीय वर्ष 2025–26 में अक्टूबर 2025 तक चलाए गए अभियानों के आंकड़े सरकार की सख्ती को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। इस अवधि में अवैध शराब कारोबार से जुड़े कुल 70,017 मामले दर्ज किए गए, जबकि 18.5 लाख लीटर अवैध शराब की बड़ी बरामदगी (Seizure) की गई। कार्रवाई के दौरान 13,243 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 2,464 लोगों को जेल भेजा गया। यह आंकड़े बताते हैं कि सरकारी एजेंसियां केवल कार्रवाई तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि संगठित अपराध को जड़ से समाप्त करने की रणनीति पर प्रभावी ढंग से अमल किया गया।
सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) का असर नवंबर 2025 में भी साफ नजर आया, जब सिर्फ एक महीने के भीतर 10,002 नए अभियोग दर्ज किए गए और 2.35 लाख लीटर अवैध शराब बरामद हुई। यह निरंतरता इस बात का प्रमाण है कि अभियान किसी एक समय तक सीमित नहीं है, बल्कि अवैध कारोबार पर स्थायी नियंत्रण स्थापित करने के लिए लगातार चल रहा है। प्रशासन की इस सक्रियता से अवैध शराब का ग्राफ नीचे गिरा है और संगठित अपराधियों के नेटवर्क बिखरते दिखाई दिए हैं।
त्योहारों और विशेष अवसरों पर शराब की अवैध मांग बढ़ने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने विशेष छापेमारी अभियान (Special Drives) शुरू किए। वर्ष 2025–26 में अक्टूबर तक कुल पांच विशेष अभियान चलाए गए, जबकि छठा चरण 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक संचालित किया जा रहा है। इन अभियानों के दौरान 20,590 मामले दर्ज हुए और 5.2 लाख लीटर अवैध शराब जब्त की गई। कार्रवाई के क्रम में 3,976 गिरफ्तारियां की गईं और 657 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। साथ ही, तस्करी में इस्तेमाल किए जा रहे 23 वाहनों को भी जब्त किया गया, जिससे अवैध शराब की सप्लाई चेन (Supply Chain) को बड़ा झटका लगा।
अंतरराज्यीय तस्करी (Inter-State Smuggling) पर अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग ने विशेष रणनीति अपनाई, जिसके सकारात्मक नतीजे सामने आए। अप्रैल से अक्टूबर 2025 के बीच सोनभद्र में 18,491 लीटर, मथुरा में 9,913 लीटर, लखनऊ में 7,247 लीटर, बलिया में 6,152 लीटर और आजमगढ़ में 4,958 लीटर अवैध शराब बरामद की गई। इन कार्रवाइयों से यह साफ हुआ कि अन्य राज्यों से जुड़े गिरोहों की गतिविधियों पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।
जिलावार आंकड़े देखें तो सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में चलाए गए सघन अभियानों की सफलता भी स्पष्ट होती है। अक्टूबर 2025 तक सबसे अधिक बरामदगी रामपुर जिले से हुई, जहां 62,950 लीटर अवैध शराब पकड़ी गई। बरेली में 59,451 लीटर, लखीमपुर खीरी में 55,697 लीटर, झांसी में 45,080 लीटर और हरदोई में 45,053 लीटर शराब जब्त की गई। इन जिलों में दर्ज अभियोगों की संख्या भी उल्लेखनीय रही, जिसमें लखीमपुर खीरी में 2,480, रामपुर में 1,677 और बरेली में 1,646 मामले शामिल हैं। बड़ी संख्या में वाहनों की जब्ती ने तस्करों की आर्थिक रीढ़ भी तोड़ दी है।
कुल मिलाकर योगी आदित्यनाथ सरकार की यह संगठित, रणनीतिक और सख्त कार्रवाई (Strict Action) प्रदेश में अवैध शराब कारोबार के खिलाफ एक मजबूत संदेश बनकर सामने आई है। सरकार का यह अभियान न केवल अपराध नियंत्रण का उदाहरण है, बल्कि जनस्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को केंद्र में रखकर की गई निर्णायक पहल के रूप में भी देखा जा रहा है। प्रशासन का स्पष्ट संकेत है कि आने वाले समय में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी और कानून तोड़ने वालों के लिए उत्तर प्रदेश में कोई रियायत नहीं होगी।





