लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भोजपुर के खिलाड़ियों की आवाज गूँजी

Report By: तारकेश्वर प्रसाद

आरा: भोजपुर जिले के खिलाड़ियों के हित से जुड़े एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय को लोकसभा के शीतकालीन सत्र में उठाते हुए आरा के सांसद सुदामा प्रसाद ने क्षेत्र में वर्षों से उपेक्षित खेल संरचना की कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आरा और पूरे भोजपुर इलाके में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन उपयुक्त खेल-सुविधाओं के न होने के कारण यहां के युवा खिलाड़ी अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

सांसद सुदामा प्रसाद ने सदन में स्पष्ट कहा कि आरा क्षेत्र एक मानक और आधुनिक क्रिकेट स्टेडियम के अभाव से जूझ रहा है। यहां के उभरते क्रिकेटरों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण व प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए उचित मैदान तक उपलब्ध नहीं हैं। मौजूदा खेल मैदान या तो छोटे हैं, या खराब रख-रखाव के कारण खिलाड़ियों के लिए उपयोगी नहीं रह गए हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रतिभाओं को न तो गुणवत्ता वाला प्रशिक्षण मिल पाता है और न ही बड़े मंचों पर खुद को स्थापित करने का पर्याप्त अवसर।

उन्होंने यह भी बताया कि बेहतर बुनियादी ढांचे की कमी के कारण भोजपुर के कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी रंजी ट्रॉफी या अन्य छोटे टूर्नामेंट तक ही सीमित रह जाते हैं। आधुनिक टर्फ विकेट, प्रशिक्षित कोचिंग स्टाफ, जिम, फिजियोथेरपी जैसी जरूरी सुविधाएँ न होने के कारण खिलाड़ियों का खेल विकास प्रभावित होता है। सांसद ने माना कि यदि भोजपुर में उचित खेल संरचना विकसित की जाए तो यह क्षेत्र राज्य और देश स्तर पर अनेक उत्कृष्ट खिलाड़ियों को तैयार कर सकता है।

सांसद सुदामा प्रसाद ने केंद्र सरकार से मांग की कि आरा में एक पूर्ण-स्तरीय क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाए। साथ ही, पूरे भोजपुर जिले के लिए एक “समग्र खेल विकास योजना” लागू की जाए, जिसमें विभिन्न खेलों के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षण संस्थान, और खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएँ। उन्होंने कहा कि खेल युवा शक्ति का सबसे बड़ा आधार है और सरकार को ऐसी पहल को प्राथमिकता देनी चाहिए।

इस संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में सांसद के निजी सहायक चंदन कुमार ने बताया कि यह मांग भोजपुर के हजारों खिलाड़ियों की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के युवाओं को खेल के क्षेत्र में उचित अवसर मिले, यही सांसद का लक्ष्य है।

अब देखना यह होगा कि सरकार इस महत्वपूर्ण मांग पर कितनी जल्दी पहल करती है और भोजपुर के खिलाड़ियों को वह मंच उपलब्ध कराती है, जिसके वे लंबे समय से हकदार हैं।

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