देवकली ब्लॉक के ग्राम सभा सिरगिठा में मनरेगा कार्यों पर लगे आरोप साबित हुए बेबुनियाद, जांच में खुली पूरी सच्चाई

Report By : आसिफ अंसारी
गाज़ीपुर : जनपद के देवकली ब्लॉक (Devkali Block) अंतर्गत आने वाली ग्राम सभा सिरगिठा (Gram Sabha Sirgitha) में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा (MGNREGA) के तहत संचालित कार्यों को लेकर हाल के दिनों में लगाए गए आरोपों का सच सामने आ गया है। सोशल मीडिया और कुछ स्थानीय स्तर पर यह अफवाह फैलाई जा रही थी कि ग्राम सभा में मनरेगा कार्य केवल कागजों पर चल रहे हैं, मजदूर कार्यस्थल पर उपस्थित नहीं रहते और फर्जी तरीके से मजदूरी निकाली जा रही है। हालांकि, जब पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर स्थलीय जांच (On-site Inspection) कराई गई, तो आरोप पूरी तरह निराधार और भ्रामक साबित हुए।
ग्राम सभा सिरगिठा में वर्तमान समय में मनरेगा योजना (MGNREGA Scheme) के अंतर्गत दो प्रमुख विकास कार्य संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यों में कुल 85 पंजीकृत मजदूर नियमित रूप से कार्य कर रहे हैं। मजदूरों की उपस्थिति प्रतिदिन सुबह निर्धारित समय पर दर्ज की जाती है और कार्य समाप्ति तक वे अपने-अपने कार्यस्थलों पर सक्रिय रूप से कार्य करते पाए गए। जांच के दौरान यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि श्रमिक न केवल मौजूद थे, बल्कि कार्य की प्रगति भी संतोषजनक स्थिति में थी।
स्थानीय प्रशासन, ग्राम पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) और ग्राम प्रधान (Gram Pradhan) की मौजूदगी में जब कार्यस्थलों का निरीक्षण किया गया, तो सभी आवश्यक अभिलेख, उपस्थिति रजिस्टर और ऑनलाइन रिकॉर्ड (Online Attendance Record) भी मौके पर उपलब्ध पाए गए। मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी भारत सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर भी नियमित रूप से अपडेट की जा रही है, जिससे पारदर्शिता (Transparency) बनी रहे। निरीक्षण दल ने पाया कि मजदूरों की उपस्थिति, कार्य का माप और भुगतान प्रक्रिया सभी निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं।
जांच के दौरान मजदूरों से भी बातचीत की गई। श्रमिकों ने एक स्वर में कहा कि वे रोजाना स्वयं कार्यस्थल पर आकर काम करते हैं और उन्हें मजदूरी का भुगतान नियमानुसार उनके बैंक खातों (Bank Accounts) में प्राप्त होता है। मजदूरों का कहना था कि कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा फैलायी जा रही अफवाहें न केवल उनकी छवि को नुकसान पहुंचा रही हैं, बल्कि भविष्य में उनके रोजगार (Employment) पर भी प्रतिकूल असर डाल सकती हैं। उन्होंने जिला प्रशासन (District Administration) से मांग की कि झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि मेहनतकश मजदूरों का मनोबल बना रहे।
ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव ने भी मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि ग्राम सभा सिरगिठा में मनरेगा के अंतर्गत सभी कार्य पूरी पारदर्शिता और नियमों के तहत संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कार्य की स्वीकृति, मजदूरों की हाजिरी, कार्य प्रगति और भुगतान की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन सिस्टम (Online System) से जुड़ी हुई है, जिससे किसी भी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश नहीं रहती। समय-समय पर उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण भी किया जाता है, जिससे योजनाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता बनी रहती है।
जिला प्रशासन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ग्राम सभा सिरगिठा में मनरेगा कार्यों को लेकर जो भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं, उनकी निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराई गई। जांच में यह तथ्य सामने आया कि शिकायतें तथ्यहीन, असत्य और प्रेरित थीं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि मनरेगा जैसी जनकल्याणकारी योजना (Welfare Scheme) ग्रामीण गरीबों के लिए आजीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है, और इसे बदनाम करने का प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रशासन ने यह चेतावनी भी दी है कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठी शिकायत करता है या अफवाह फैलाकर सरकारी योजनाओं की छवि खराब करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार कानूनी कार्रवाई (Legal Action) की जाएगी। साथ ही, आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार की सूचना या शिकायत दर्ज कराने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
कुल मिलाकर, ग्राम सभा सिरगिठा में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों को लेकर फैलाई गई भ्रांतियां जांच के बाद पूरी तरह समाप्त हो गई हैं। यह मामला न केवल प्रशासनिक सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण विकास (Rural Development) से जुड़ी योजनाओं को पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। मनरेगा जैसी योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास की रीढ़ हैं, और उनकी सच्चाई समय-समय पर सामने आना आवश्यक है।





